जमीन से कुछ
उठाकर
यह
परिंदा
पंख
फैलाकर उड़ रहा है
सच
तो यह है कि
इस
तरह वह
अपने
जमीन से जुड़ रहा है
जो ज़मीन से जुड़ता नहीं है
वह ऊँचाई पर उड़ता नहीं है
जो ज़मीन से जुड़ता नहीं है
वह ऊँचाई पर उड़ता नहीं है
स्तुत्य
है इसका श्रम
परखना
हो तो परखो
इसका
हौसला
तिनका-तिनका
जोडकर
बना
रक्खा है इसने
खूबसूरत
एक घोसला
जहाँ
इसके बच्चे
चीत्कार
कर रहे हैं
और
बेसब्री से इसका
इन्तेजार
कर रहे हैं
देखो,
अब
यह अपने घोसले की ओर
मुड रहा है
और इसका पंख
धीरे धीरे सिकुड़ रहा है
सच
तो यह है कि
इस
तरह वह
अपने
जमीन से जुड़ रहा है