ब्लास्ट हो चुका है,
अब यह शहर
हाई अलर्ट पर रहेगा तीन-चार दिनों तक।
सारे तंत्र व्यस्त हो जाएंगे —
आंकड़े छुपाने में,
और अपनी अहमियत दर्शाने में।
प्रेस कॉन्फ़्रेंस में चेहरों पर
गंभीरता की नक़ाबें चढ़ाई जाएंगी,
मलवे के बीच
कैमरों के लिए संवेदनाएँ दिखाई जाएंगी।
फिर सब सामान्य हो जाएगा,
जैसे कुछ हुआ ही न हो —
सिवाय उन घरों के
जहाँ अब भी धुआँ उठ रहा है।
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