मुर्दे में जान लाना है ~~
****मुझे तो ज़ज्ब ए तूफान लाना है
इस मुर्दे में भी तो जान लाना है
बहुत देख चुका शराफत का हश्र
शायद अब एक शैतान लाना है
अब तो मैने कमर कस ली है मुझको अपना आसमान लाना है
ताकि नज़र में रहे उनकी हरकतें
हर हाल में ऊँचा मचान लाना है
खुद की पहचान से जो महरूम हैं
उनके लिये उनकी पहचान लाना है
~~~~~~~
51 comments:
खुद की पहचान से जो महरूम हैं
उनके लिये उनकी पहचान लाना है....behad khoobsurat....
मुझको अपना आसमान लाना है - सकारत्मक चिन्तन से सजी रचना अच्छी लगी वर्मा जी।
छोटी बहर की खूबसूरत गज़ल है ।
उम्मीद है तभी सफल भी होंगे.....
ख़ूबसूरत रचना.....
ऐसे-वैसे कुछ भी लाकर के अब क्या करेंगे
दुनिया बदलनी है तो नया भगवान लाना है.
सुन्दर रचना...waah!
खुद की पहचान से जो महरूम हैं
उनके लिये उनकी पहचान लाना है
वाह, बहुत खूब!!
मैने तो अब कमर कस लिया है
मुझको अपना आसमान लाना है
बहुत सुन्दर, हर शेर लाजवाब
खुद की पहचान से जो महरूम हैं
उनके लिये उनकी पहचान लाना है
बहुत ही उम्दा, बढ़िया सार।
दूसरो को उनकी खुद की पहचान कराना नेक कार्य है..अपना आस्मां लाना है..अच्छी जिद है.. शुभकामनायें ..!!
nice
बहुत ही खुबसूरत है ख्वाहिश ........अतिसुन्दर
खुद की पहचान से जो महरूम हैं
उनके लिये उनकी पहचान लाना है
सुंदर!!!
देवता-पयंबरों को तो बहोत देख लिया।
जिसका दिल नर्म हो वो ईंन्सान लाना है।
वाहवा... क्या बात है..
मैने तो अब कमर कस लिया है
मुझको अपना आसमान लाना ह
खुद की पहचान से जो महरूम हैं
उनके लिये उनकी पहचान लाना है
बहुत खूबसूरत और सार्गर्भित रचना के लिये बधाई
बहुत देख चुका शराफत का हश्र
शायद अब एक शैतान लाना है
मैने तो अब कमर कस लिया है
मुझको अपना आसमान लाना है
Vah ........Lajawaab Gazal hai . aapke baagi tevar bahot hi majboot lag rahe hain ......
khoobsoorat bhavnaon se bhari gazal..........badhayi.
मुझे तो ज़ज्ब ए तूफान लाना है
इस मुर्दे में भी तो जान लाना है
----
बहुत खूब, लगे रहिये डट कर! किसी भी अच्छी बात के लिये जुनून जरूरी है!
wah
मैने तो अब कमर कस लिया है
मुझको अपना आसमान लाना है
gazab, bahut khoob.
खुद की पहचान से जो महरूम हैं
उनके लिये उनकी पहचान लाना है
बेहतरीन गज़ल के लिए बधाई।
मुझे तो ज़ज्ब ए तूफान लाना है
इस मुर्दे में भी तो जान लाना है
बेहद सुन्दर रचनअ
खुद की पहचान से जो महरूम हैं
उनके लिये उनकी पहचान लाना है
waah lajawab
बहुत ख़ूबसूरत, शानदार और दिल को छू लेने वाली रचना लिखा है आपने! मुझे बेहद पसंद आया ! बहुत खूब!
बहुत खूब ......!!
मुर्दे में जान लाने की बात तो ठीक है पर शैतान मत लाइयेगा ....और ये जान,कमर और पहचान तो स्त्रीलिंग शब्द हैं ....देख लें ....!!
खुद की पहचान से जो महरूम हैं
उनके लिये उनकी पहचान लाना है.
बहुत ही सुन्दर रचना, बधाई
खुद की पहचान से जो महरूम हैं
उनके लिये उनकी पहचान लाना
bahut hi behtareen rachna.........
आदरणीय वर्मा साहब,
मैने तो अब कमर कस लिया है
मुझको अपना आसमान लाना है
बड़ा उम्मीदों भरा अश’आर है, पूरी गज़ल तो अच्छी है ही। बड़ी बातें निहायत सादगी से कहना आपकी विशेषता है, इसे बनाये रक्खें।
सादर,
मुकेश कुमार तिवारी
Prernaprad gazal.
-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
aapke she'ro me ek alag kism ki baat hoti he jo vartmaan ki kashmkash ko bayaa karte he/
ताकि नज़र में रहे उनकी हरकतें
हर हाल में ऊँचा मचान लाना है..
wah..subhan allah..kyaa baat he ji..bahut khoob
सुन्दर काव्य सृजन
मैने तो अब कमर कस लिया है
मुझको अपना आसमान लाना है
वर्मा जी ,
बहुत अच्छा लगा यह शेर दिल से बधाई!
अब तो मैने कमर कस ली है
मुझको अपना आसमान लाना है
Bahut jabardast.
अब तो मैने कमर कस ली है
मुझको अपना आसमान लाना है
जोश और सकारात्मक उर्जा से लबरेज ये शब्द सच मे सुकून पहुंचाते से लगे....
regards
खुद की पहचान से जो महरूम हैं
उनके लिये उनकी पहचान लाना है....behad khoobsurat....
खुद की पहचान से जो महरूम हैं
उनके लिये उनकी पहचान लाना है
bahut sundar likha hai aapne
bahut sunder rachna .naya aasman lanahai.ham bhi aapke saath hai
उफ़ ! इतनी टिप्पणियों के बाद और क्या कहूँ? गज़ब अल्फाज़ हैं ! काश ऐसा मै भी लिख पाती...! 'जज़्बातों' में बहा दिया आपने...!
मुझे तो ज़ज्ब ए तूफान लाना है
इस मुर्दे में भी तो जान लाना है
खुद की पहचान से जो महरूम हैं
उनके लिये उनकी पहचान लाना है
~~~~~~~
वाह जी वाह
क्या हौसला है
गहरी डूबी डूबी गजले स्केचों के रंग गज़ब
ब्लॉग भ्रमण का सुख पाया नए कलेवर यहाँ गज़ब
कविता ब्लॉग पे बहुत सुंदर टिप्पणी दी ..'ज़िंदगी tu इसतरह आ !' ज़िंदगी ने तो कई रंग दिखलाये...दिखलाती रहेगी॥! लेकिन मौत एक ही बार में जो दिखाना है दिखा देती है..हिना? इसलिए ये दुआ!
'बुलबुल का घोंसला ' ये आलेख पदेहं ...वहाँ ज़िंदगी को पुकारा है !
http://shamasansmaran.blogspot.com
इस ब्लॉग पे ..मौत के नाम से हर कोई क्यों बचके रहना चाहता है..?..मौत ज़िंदगी का अन्तिम सत्य है ...उसे स्वीकार , उसका सुन्दरता , या , शांती से आना एक चाहत है !
चाह उत्कट हो तो असंभव कुछ भी नहीं होता।
सुन्दर भाव हैं, बधाई।
-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
bahut umda..eak eak shabd eak jazba!
"मुझे तो ज़ज्ब ए तूफान लाना है,
इस मुर्दे में भी तो जान लाना है|
खुद की पहचान से जो महरूम हैं,
उनके लिये उनकी पहचान लाना है|"
हर शेर लाजवाब...उम्दा ग़ज़ल....बहुत बहुत बधाई....
Bahut khoob.Shubkamnayen.
"बहुत देख चुका शराफत का हश्र
शायद अब एक शैतान लाना है !!.....
-बहुत खूब !
सुन्दर गज़ल,
बहुत खूब!
अब तो मैने कमर कस ली है
मुझको अपना आसमान लाना
वाह, बहुत खूब!!
ati sundar abhivyakti...khud ki pahachan banaane ke liye all the best...
****
मुझे तो ज़ज्ब ए तूफान लाना है
इस मुर्दे में भी तो जान लाना है
बहुत देख चुका शराफत का हश्र
शायद अब एक शैतान लाना है
bahut achchhe khyal .
बहुत दिन हुए, कोई पोस्ट क्यों नहीं डाली आपने?
खुद की पहचान से जो महरूम हैं
उनके लिये उनकी पहचान लाना है
आभार ।
खुद की पहचान से जो महरूम हैं
उनके लिये उनकी पहचान लाना है
हमेशा की तरह एक वर्ग विशेष की सच्चाई से रूबरू कराती रचना
सादर
प्रवीण पथिक
9971969084
Post a Comment