शुक्रवार, 2 अप्रैल 2010

आज पहना दिया उसके गले में किसी और ने हार

image

आज पहना दिया

उसके गले में

किसी और ने

हार

वह गुमसुम सा

खड़ा है

जिन्दगी को

हार

!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!

image

हर्षित हैं शाख पर पत्ते

झूम रही है

डाली

एक अर्से के बाद

तूने फिर से झूला

डाली

43 टिप्‍पणियां:

डॉ टी एस दराल ने कहा…

पहला बेहतरीन ।
दूसरे में कुछ खटक सा रहा है।

हर्षित हैं शाख पर पत्ते, झूम रही है डाली
एक अर्से के बाद जो, तूने झूल है डाली।

गुताखी मांफ , पर ये कैसा रहेगा ।

अरुण चन्द्र रॉय ने कहा…

bahut sunder... kam shabdo me saargarbhit aur bhavpoorn sandesh... ek dusre se jude hone ka...

अरुण चन्द्र रॉय ने कहा…
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
M VERMA ने कहा…

धन्यवाद दराल सर
आवश्यक परिवर्तन कर दिया है

Urmi ने कहा…

वाह बेहद ख़ूबसूरत! नए अंदाज़ में और चंद शब्दों में आपने बहुत ही सुन्दर सन्देश दिया है! बहुत अच्छा लगा!

रश्मि प्रभा... ने कहा…

dard aur sukun dono ko bakhoobi vyakt kiya hai

sonal ने कहा…

पीड़ा को बहुत सुन्दर शब्द दिए है

Razia ने कहा…

शब्दों की हेराफेरी है
बहुत सुन्दर

संगीता स्वरुप ( गीत ) ने कहा…

वाह ....बहुत खूबसूरत...

हार का अच्छा प्रयोग

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

हार का विल्कुल सही प्रयोग किया है!

kshama ने कहा…

Pahali rachana waqayi bahut sundar hai!

Randhir Singh Suman ने कहा…

nice

Udan Tashtari ने कहा…

पहला वाला बहुत पसंद आया!!

कडुवासच ने कहा…

...प्रभावशाली रचनाएं!!!

कविता रावत ने कहा…

Bhavpurn chitramay rachna bahut achhi lagi..
Haardik shubhkamnayen....

सदा ने कहा…

बहुत ही बेहतरीन अभिव्‍यक्ति ।

Sulabh Jaiswal "सुलभ" ने कहा…

रोचक अर्थपूर्ण क्षणिकाएं हैं. आपके अंदाज़ निराले हैं.

Parul kanani ने कहा…

sundar..!

जितेन्द़ भगत ने कहा…

दि‍ल को छू गई।

अजय कुमार ने कहा…

शब्दों का अर्थपूर्ण प्रयोग

Jyoti ने कहा…

गुमसुम सा खड़ा है जिन्दगी को हार !!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!बेहतरीन क्षणिकाएँ

vandana gupta ने कहा…

आज पहना दिया उसके गले में किसी और ने हार वह गुमसुम सा खड़ा है जिन्दगी को हार

behtreen..........dil ko chhoo gaya.

ताऊ रामपुरिया ने कहा…

बेहतरीन रचनाएं.

रामराम.

संजय भास्‍कर ने कहा…

पीड़ा को बहुत सुन्दर शब्द दिए है

संजय भास्‍कर ने कहा…

किस खूबसूरती से लिखा है आपने। मुँह से वाह निकल गया पढते ही।

ज्योति सिंह ने कहा…

sundar dono rachnaaye

Indranil Bhattacharjee ........."सैल" ने कहा…

Aapke in choti kavitaon me shabdon ka khel mujhe bada achha lagta hai... ek alag si baat hai inme...bhasha ke drishti se bhi aur bhawna ke drishti se bhi...

rashmi ravija ने कहा…

वाह सुन्दर संयोजन बन पड़ा है,शब्दों का... सुन्दर रचनाएं

chetna ने कहा…

आमंत्रण के लिए शुक्रिया। इतनी अच्छी पंक्तियां, इतने अच्छे भाव! अभी कुछ ही कविताएं पढ़ी। कल और पढ़ंूगी। वाकई बहुत कमाल का लिखते हैं आप। आपके ब्लॉग पर आना अब शायद मेरी दिनचर्या में शामिल होगा। पुन: धन्यवाद।

बेनामी ने कहा…

मधुर अहसास की सुंदर प्रस्तुती ! बधाई !

Himanshu Mohan ने कहा…

आप की रचना शैली में अनूठा नयापन है । यमक और श्लेष का सधा हुआ प्रयोग आपकी निजता भी है और विशेषता भी । प्रशंसा स्वीकारें ।

राज भाटिय़ा ने कहा…

बहुत सुंदर रचना. धन्यवाद

रवि कुमार, रावतभाटा ने कहा…

यह भी खूब रही...

kshama ने कहा…

Pahla bahut achha laga..doosareme ant me 'daalee' zara khatka...waise mai is qabil nahi ki, aapke likhepe tippanee karun...Kshama prarthi hun!

पूनम श्रीवास्तव ने कहा…

aapne jidagi se jude dard ko bkhoobi bayan kia hai

Prem Farukhabadi ने कहा…
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
दिगम्बर नासवा ने कहा…

मज़ा आ गया ... आप मास्टर हैं उलट फेर के ....
पहले वाला तो लाजवाब है ...

अनामिका की सदायें ...... ने कहा…

dono kshanikaye bahut khoobsurat.

HAAR shabd ka prayog acchha laga..
lekin ek baat khatak gayi...is haar shabd ko shadi k haar means khushi k mauke par prayog kiya gaya...bt kalam ki dhaar ka kamal he ye to..aur acchha he.

रंजू भाटिया ने कहा…

बहुत बढ़िया दोनों बहुत पसंद आई शुक्रिया

अमिताभ श्रीवास्तव ने कहा…

are waah varmaji, bahut khoob likhaa he ji aapne..

बेनामी ने कहा…

ye topivaala kutta kaun hai. iska yahan kaam kya.iske sir mein danda maaro yaaro.

हरकीरत ' हीर' ने कहा…

वाह हार के दोहराव का सुंदर प्रयोग किया है आपने ........!!

पर दूसरी वाली में तो झुला पुल्लिंग है तो 'डाला' होना चाहिए .....
पर कविता में तुक मिलाने के लिए इतना इधर उधर तो चलता .....!!

और Mr Anonymous को पता नहीं ताऊ जी हमारे लिए कितने सम्मानीय व्यक्ति हैं ....कृपया टिप्पणी में इस तरह की हरकत न करें ......!!

शरद कोकास ने कहा…

भैया यह हार है ना जीत है बस ज़िन्दगी से प्रीत है ।