शनिवार, 17 अक्टूबर 2009

दीया और लौ : तीन शब्द चित्र


मिट्टी सने हाथों ने
मिट्टी से बनाया
कुछ इस तरह मैने
अपना आकार पाया

* ~ * ~ * ~ * ~

अमावस की काली रात
थरतराती दीये की लौ
अपलक
निहारती तुम
देखो फटने लगी है पौ
* ~ * ~ * ~ * ~

शरारती हवाओं ने
लौ को नचा दिया
हथेलियों की ओट ने
मरने से बचा दिया
~ * ~

17 टिप्‍पणियां:

विनोद कुमार पांडेय ने कहा…

मिट्टी सने हाथों ने
मिट्टी से बनाया
कुछ इस तरह मैने
अपना आकार पाया!!!

सुंदर रचना..
दीवाली मंगलमय हो!!!

Udan Tashtari ने कहा…

बेहतरीन शब्द चित्र...


सुख औ’ समृद्धि आपके अंगना झिलमिलाएँ,
दीपक अमन के चारों दिशाओं में जगमगाएँ
खुशियाँ आपके द्वार पर आकर खुशी मनाएँ..
दीपावली पर्व की आपको ढेरों मंगलकामनाएँ!

सादर

-समीर लाल 'समीर'

संगीता पुरी ने कहा…

अच्‍छे शब्‍द चित्र !!
पल पल सुनहरे फूल खिले , कभी न हो कांटों का सामना !
जिंदगी आपकी खुशियों से भरी रहे , दीपावली पर हमारी यही शुभकामना !!

कडुवासच ने कहा…

"आओ मिल कर फूल खिलाएं, रंग सजाएं आँगन में

दीवाली के पावन में , एक दीप जलाएं आंगन में "

......दीवाली की हार्दिक शुभकामनाएँ |

डिम्पल मल्होत्रा ने कहा…

स्वर्ग न सही धरा को धरा तो बनाये..
दीप इतने जलाएं की अँधेरा कही न टिक पाए..
इस दिवाली इन परिन्दों के लिए पटाके न चलायें....

Unknown ने कहा…

बहुत ख़ूब कहाजी.........

वाह !

आपको और आपके परिवार को दीपोत्सव की

हार्दिक बधाइयां

राज भाटिय़ा ने कहा…

मिट्टी सने हाथों ने
मिट्टी से बनाया
कुछ इस तरह मैने
अपना आकार पाया!!!
बहुत ही सुंदर कविता. धन्यवाद
दीपावली पर्व की ढेरों मंगलकामनाएँ!

vandana gupta ने कहा…

शरारती हवाओं ने
लौ को नचा दिया
हथेलियों की ओट ने
मरने से बचा दिया ~ * ~

BEHTREEN ABHIVYAKTI.

DIWALI KI HARDIK SHUBHKAMNAYEIN

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

यह दिया है ज्ञान का, जलता रहेगा।
युग सदा विज्ञान का, चलता रहेगा।।
रोशनी से इस धरा को जगमगाएँ!
दीप-उत्सव पर बहुत शुभ-कामनाएँ!!

Girish Billore Mukul ने कहा…

दीप की स्वर्णिम आभा
आपके भाग्य की और कर्म
की द्विआभा.....
युग की सफ़लता की
त्रिवेणी
आपके जीवन से आरम्भ हो
मंगल कामना के साथ

Asha Joglekar ने कहा…

तीन छोटी छोटी कविताएँ भाव से भरपूर । आपको दिवाली की हार्दिक बधाई ।

Dr. Shreesh K. Pathak ने कहा…

इतने साधारण शब्दों में इतना कुछ कैसे भर देते हैं, कविवर...बधाई हो..

प्रिया ने कहा…

last one to unparallel hai ......diwali ki mangal kaamnaye

मनोज भारती ने कहा…

सभी चित्र सुंदर हैं
सभी में सकारात्मकता है

आपके जज़्बातों ने
हमें इस कदर बांधा
बार-बार आकर यहां
जीवन को संवारने की
आस ढ़ूँढ़ते रहते हैं ।

Urmi ने कहा…

बहुत ख़ूबसूरत रचना लिखा है आपने! शुभ दीपावली!

निर्झर'नीर ने कहा…

excellent..

संजय भास्‍कर ने कहा…

बहुत सुंदर और उत्तम भाव लिए हुए.... खूबसूरत रचना......