चुप रहिए
वे कुछ बोलने जा रहे हैं
उपलब्धियों को वे
तौलने जा रहे हैं
भाइयों और बहनों
हमारा देश स्मूथली 'रन' कर रहा है
देखते नहीं कितनी आसानी से अपना काम
'गन' कर रहा है
क्या कहा ?
बलात्कार बहुत ज्यादा हुआ है
अरे! इतना भी नहीं पता
उम्मीद से बिल्कुल आधा हुआ है
घोटाले-घोटाले क्यूँ चिल्ला रहे हो
तुम तो विरोधियों से सुर मिला रहे हो
किसी देश की अच्छी अर्थव्यवस्था
और घोटालों में अभिन्न नाता है
घोटालो का सकारात्मक पहलू
क्या तुम्हे नज़र नहीं आता है
सबसे बड़ी उपलब्धि तो देखो
अब हम विश्वस्तर के घोटालें करते हैं
सामूहिक हत्याकांड पर कौन है
जो सवाल खड़ा कर रहा है
यकीनन कोई आपके कान भर रहा है
जनसँख्या वृद्धि के इस दौर में
सामूहिक हत्याकांड
व्यापक प्रभाव छोड़ते हैं
परिवार नियोजन कार्यक्रम को
सही दिशा में मोड़ते हैं
कुछ न होने से तो अच्छा है
कि कुछ होता रहे
क्या आप चाहते हैं कि
हमारा देश सोता रहे
मन में कोई भ्रम मत पालिए
लगे हाथों इस बात पर भी नज़र डालिए
विश्व में सबसे ज्यादा हम
जांच कमीशन बिठाते हैं
अरे! कभी कभी तो
जांच कमीशन की जांच के लिए भी
जांच कमीशन ले आते हैं
हमें पता था तुम चिल्लाओगे
मंहगाई का मुद्दा जरूर लाओगे
मानता हूँ मंहगाई बढ़ी है
कीमते आसमान तक चढी हैं
समस्यायें हो रहीं हैं मोटी
आम आदमी से दूर हो रही है रोटी
महानुभावों बढ़ी कीमतों के साथ
घटी कीमतों पर भी तो नज़र डालो
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा बाज़ार में हमने
रूपये की कीमत को धूल चटा दिया है
बैंक जमा राशि पर ब्याज प्रतिशत घटा दिया है
कीमत घटने का सबसे बड़ा प्रमाण ले लो
बिल्कुल मुफ्त में जब चाहो
किसी का प्राण ले लो
अरे! हमने तो रोटी से ज्यादा
आदमी को अहमियत दिया है
इंसान की कीमत घटाकर तभी तो
शून्य नियत किया है
.
जी हाँ!
शून्य नियत किया है
33 comments:
भाइयों और बहनों
हमारा देश स्मूथली 'रन' कर रहा है
देखते नहीं कितनी आसानी से अपना काम
'गन' कर रहा है
xxxxxxxxxxxxxxxxxx
जनसँख्या वृद्धि के इस दौर में
सामूहिक हत्याकांड
व्यापक प्रभाव छोड़ते हैं
परिवार नियोजन कार्यक्रम को
सही दिशा में मोड़ते हैं
करारी चोट सर की ! मैंने भी कभी सुनार का हथोडा चलाना नहीं सीखा,इसलिए सीधे लोहार के हथोड़े चलाने में विश्वास रखता हूँ ! बहुत समय से आपके ब्लॉग पर नहीं आया था, या यों कहिये कि आपके भी दर्शन नदारद थे ! आपको नव-वर्ष की बहुत-बहुत शुभकामनाये !
कमाल का व्यंग्य. क्या खीच के चांटा मारा है आपने.
करारा व्यंग्य, नव-वर्ष की शुभकामनाये !
अरे! हमने तो रोटी से ज्यादा
आदमी को अहमियत दिया है
इंसान की कीमत घटाकर तभी तो
शून्य नियत किया है
Aah! Kya kahen?
क्या बात है सर जी. तेज धार है.
अब तो अमंगल में ही मंगल दीखता है
बहुत सुंदर प्रस्तुती बेहतरीन करारा व्यंग ,.....
नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाए..
आइये स्वागत है मेरी....
नई पोस्ट --"काव्यान्जलि"--"नये साल की खुशी मनाएं"--click करे...
बहुत दिनों बाद आपकी कोई रचना आई है... बहुत सुन्दर और प्रभावशाली कविता... नव वर्ष की शुभकामना...
यथार्थ पर साफ़गोई से की गई एक सटीक टिप्पणी...
बेहतर...
बहुत खूब सारा राजनीतिक परिवेश और विद्रूप बुन दिया कविता में .वातवरण प्रधान बेहतरीन पोस्ट .नव वर्ष मुबारक .
bahut hi badhiyaa
बहुत सटीक व्यंग्य सही चोट कर रहा है मगर हमारे नेता सब सहन कर लेंगे
पूरे साल का लेखा जोखा ।
सटीक व्यंग ।
शुभकामनायें वर्मा जी ।
बहुत हे बढ़िया व्यंगात्म्क प्रस्तुति समय मिले कभी तो आयेगा मेरी पोस्ट पर आपका स्वागत है
... और हाज़मा भी इतना अच्छा कि चारा भी हज़म हो रहा है :)
आज के हालातों का कच्चा चिट्ठा ..कटाक्ष करती बेहतरीन रचना
वाह ! अब तो इसे आपके मुख से इसका पाठ सुनेंगे किसी दिन ।आज के हालात का सटीक चित्रण
चलिये, पढ़ा तो सुकून आया, नहीं तो लोगों ने तो बेवजह डरा दिया था।
हा हा हा..बहुत बढ़िया।
ऐसा कहेंगे आप तो प्रशंसा खूब पायेंगे
हाय!नेता जी पढ़ें अगर तो डूब जायेंगे।
"टिप्स हिंदी" में ब्लॉग की तरफ से आपको नए साल के आगमन पर शुभ कामनाएं |
टिप्स हिंदी में
मन में कोई भ्रम मत पालिए लगे हाथों इस बात पर भी नज़र डालिए विश्व में सबसे ज्यादा हम जांच कमीशन बिठाते हैं अरे! कभी कभी तो जांच कमीशन की जांच के लिए भी जांच कमीशन ले आते हैं
करारा व्यंग्य,करारी चोट, नव-वर्ष की शुभकामनाये
यथार्थ बोध कराती बहुत खूबसूरत प्रस्तुति……………आगत विगत का फ़ेर छोडें
नव वर्ष का स्वागत कर लें
फिर पुराने ढर्रे पर ज़िन्दगी चल ले
चलो कुछ देर भरम मे जी लें
सबको कुछ दुआयें दे दें
सबकी कुछ दुआयें ले लें
2011 को विदाई दे दें
2012 का स्वागत कर लें
कुछ पल तो वर्तमान मे जी लें
कुछ रस्म अदायगी हम भी कर लें
एक शाम 2012 के नाम कर दें
आओ नववर्ष का स्वागत कर लें
सच्चाई को बहुत खूबसूरती से शब्दों में पिरोया है! ज़बरदस्त व्यंग्य !
आपको एवं आपके परिवार के सभी सदस्यों को नये साल की ढेर सारी शुभकामनायें !
वाह ...बहुत खूब
नववर्ष की अनंत शुभकामनाओं के साथ बधाई ।
वाह! एकदम करारा.... सादर बधाई और
नूतन वर्ष की सादर शुभकामनाएं
,नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाये
vikram7: आ,साथी नव वर्ष मनालें......
अन्ना ने कहा-‘बांझ औरत प्रसूता की वेदना को क्या समझेगी ?‘
अन्ना तो अन्ना हैं।
अन्ना ख़ालिस देहाती आदमी हैं।
वे भी शहरी लोगों की तरह आगा पीछा सोचा किये होते तो बस कर लेते क्रांति ?
किसी पार्टी से मोटा माल पकड़कर वे भी मौज मारते।
जितने लोग सभ्य और सुशील हैं, जो शिक्षा में उनसे ज़्यादा हैं,
वे कर लें आंदोलन !
बांझ औरत प्रसव की पीड़ा नहीं जानती ,
यह सच है और यह भी सच है कि बच्चों को जन्म देने वाली मांएं यह नहीं जानतीं कि बांझ रह जाने वाली औरत की पीड़ा क्या होती है ?
ख़ैर, इस समय अन्ना का मूड बुरी तरह ख़राब है,
वे कांग्रेस को हराने के लिए कमर कस चुके हैं।
कोई दूसरा होता तो इस काम के लिए भी पैसे पकड़ लिए होते किसी से
लेकिन हमारे अन्ना यह काम बिल्कुल मुफ़्त कर देंगे,
बिल्कुल किसी हिंदी ब्लॉगर की तरह।
ब्लॉगर इस या उस पार्टी को हराने के लिए लिख रहा है बिल्कुल मुफ़्त,
जबकि अख़बार और चैनल वाले मोटा माल पकड़ रहे हैं।
कम से कम कोई एग्रीगेटर ही पकड़ ले इनसे कुछ।
आमदनी का मौक़ा है,
ऐसे में अन्ना बनकर काम नहीं चलता,
बस अन्ना को ही अन्ना रहने दो
और ख़ुद मौक़े से लाभ उठाओ।
नया साल आ गया है,
नए मौक़े लेकर आया है,
सबको नव वर्ष की शुभकामनाएं।
इंसान की कीमत शून्य ...
सुलगता सवाल है हर आम इंसान के मन में ...
नव वर्ष की बहुत शुभकामनायें !
करारा..मजेदार..बहुत अच्छा लिखा है ..
बहुत सटीक और सशक्त अभिव्यक्ति..बहुत सुन्दर ..आप को सपरिवार नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें !
नव वर्ष पर आपको और आपके परिवार को हार्दिक शुभकामनायें।
वाह! बहुत ही बढ़िया व्यंग्यात्मक कविता
पूरे साल का लेखा जिखा ले लिए इस प्रभावी और व्यंग रचना ने ... तमाचा मारा है आज की राजनीति पे ....
आपको नया वर्ष बहुत बहुत मुबारक हो ...
अरे! हमने तो रोटी से ज्यादा
आदमी को अहमियत दिया है
इंसान की कीमत घटाकर तभी तो
शून्य नियत किया है
इससे ज्यादा बडा सच और क्या होगा ?
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