जुल्म के ख़िलाफ़ तुम जंग लिखो
बदरंग कायनात है तुम रंग लिखो
.
हताश-परेशान हौसलों के ईर्द-गिर्द
हो सके तो मुकम्मल उमंग लिखो
.
करीब से देखो जिन्दगी के वाकये
मुस्कुराता हुआ एक प्रसंग लिखो
.
सतरंगी जो करना हो आसमाँ को
बादलों के नाम एक पतंग लिखो
.
संग कोई उम्र भर नहीं चलता है
खुद को तुम खुद के संग लिखो
.
.मोम है वह अपने अपनों के बीच
बेशक से उसका नाम दबंग लिखो
.
पलांश में ढहेगी शिकवों की दीवार
इक पल उनके नाम अंतरंग लिखो
49 comments:
हताश-परेशान हौसलों के ईर्द-गिर्द
हो सके तो मुकम्मल उमंग लिखो
बिलकुल ....यही किया जाना चाहिए ...
नए सूरज, नयी उमंग के साथ मुस्कुराता नवगीत अनगिनत रश्मियाँ ले आया है ...
आभार !
सन्देश देती सुन्दर गज़ल
सुन्दर और बेहतरीन प्रस्तुति ,बधाई !
शानदार प्रेरक प्रस्तुती.....
खूबसूरत गज़ल
मन को लुभा गया भाव-संप्रेषण और शब्द-सोष्ठव।
हताश-परेशान हौसलों के ईर्द-गिर्द
हो सके तो मुकम्मल उमंग लिखो
.
करीब से देखो जिन्दगी के वाकये
मुस्कुराता हुआ एक प्रसंग लिखो
वर्मा जी \प्रेरणादेती हुये सुन्दर प्रस्तुती के लिये बधाई।
.मोम है वह अपने अपनों के बीच
बेशक से उसका नाम दबंग लिखो
बहुत ही सुन्दर भावमय करते शब्द ...।
संग कोई उम्र भर नहीं चलता है
खुद को तुम खुद के संग लिखो
मोम है वह अपने अपनों के बीच
बेशक से उसका नाम दबंग लिखो
पलांश में ढहेगी शिकवों की दीवार
इक पल उनके नाम अंतरंग लिखो
भावों का सुन्दर समन्वय……………हर पंक्ति एक संदेश देती हुई……………हमेशा की तरह बेहतरीन रचना।
संग कोई उम्र भर नहीं चलता है
खुद को तुम खुद के संग लिखो
... bahut sundar ... behatreen !!!
हताश-परेशान हौसलों के ईर्द-गिर्द
हो सके तो मुकम्मल उमंग लिखो
एकदम सच.
सुन्दर सन्देश देती रचना.
करीब से देखो जिन्दगी के वाकये
मुस्कुराता हुआ एक प्रसंग लिखो
.zindagi ko geet banaker dekho
संग कोई उम्र भर नहीं चलता
खुद को तुम खुद के संग लिखो
इस सन्देश में सच्चाई है ।
सुन्दर ग़ज़ल ।
संग कोई उम्र भर नहीं चलता है
खुद को तुम खुद के संग लिखो
बहुत मुकम्मल!
बहुत ही खूबसूरत और आशा की किरने बिखेरती गज़ल. हौसला बढ़ गया इसे पढ़ कर.
बहुत सुंदर, शुभकामनाएं.
रामराम.
बहुत सार्थक हुंकार है इस गजल में!
बेहतरीन , सार्थक , संदेशपरक गजल , एक उमंग भरता हुआ .... बहुत अच्छा लगा . आपको बधाई ..
इस गजल में सार्थक हुंकार है!
विचारोत्तेजक। अच्छा संदेश।
सतरंगी जो करना हो आसमाँ को
बादलों के नाम एक पतंग लिखो
पलांश में ढहेगी शिकवों की दीवार
इक पल उनके नाम अंतरंग लिखो
बहुत खूबसूरत गज़ल ....प्रेरणादायक ..हर शेर मानो एक उमंग से भर रहा हो ..
सतरंगी जो करना हो आसमाँ को
बादलों के नाम एक पतंग लिखो
वाह...क्या खूब कही है...बेहतरीन शे‘र।
प्रेरक ग़ज़ल के लिए आभार।
प्रेरणादायी अतिसुन्दर रचना हर्षित और आनंदित कर गयी...
आभार आपका..
आदरणीय M.वर्मा जी
नमस्कार !
बहुत अच्छी रचना लिखी है -
जुल्म के ख़िलाफ़ तुम जंग लिखो
बदरंग कायनात है तुम रंग लिखो
बहुत सुंदर !
करीब से देखो जिन्दगी के वाकये
मुस्कुराता हुआ एक प्रसंग लिखो
क्या बात है जी !
पलांश में ढहेगी शिकवों की दीवार
इक पल उनके नाम अंतरंग लिखो
फ़िदा हो गया … वाह वाऽऽह !
शुभकामनाओं सहित
- राजेन्द्र स्वर्णकार
सतरंगी जो करना हो आसमाँ को
बादलों के नाम एक पतंग लिखो
वाह जी वाह, क्या बात है
सतरंगी जो करना हो आसमाँ को
बादलों के नाम एक पतंग लिखो
वाह क्या बात है ... बहुत सुन्दर ग़ज़ल है !
मुस्कुराता प्रसंग ही क्यों यहाँ तो मैं ही मुस्कुरा दी हूँ. लाजवाब बेहतरीन प्रस्तुति
करीब से देखो जिन्दगी के वाकये
मुस्कुराता हुआ एक प्रसंग लिखो
सतरंगी जो करना हो आसमाँ को
बादलों के नाम एक पतंग लिखो
वाह .. लाजवाब ग़ज़ल और कमाल के शेर हैं ... उमस भरे माहोल में उमंग भरे शेर नया जोश पैदा कर रहे हैं ....
बहुत सुन्दर गज़ल !
सुन्दर प्रस्तुति....
सतरंगी जो करना हो आसमाँ को
बादलों के नाम एक पतंग लिखो
नए ख़याल आपकी ग़ज़ल में चार चंद लगा रहे हैं !
-ज्ञानचंद मर्मज्ञ
बहुत उम्दा ग़ज़ल..हर शेर लाजवाब
लाज़वाब...बहुत सुन्दर भावपूर्ण गज़ल..आभार
सतरंगी जो करना हो आसमाँ को
बादलों के नाम एक पतंग लिखो
waah!
bahut sundar rachna!
संग कोई उम्र भर नहीं चलता है
खुद को तुम खुद के संग लिखो
जीवन का सच तो यही है, फिर भी जो रंग कविता में भरा है वह पूरी पूरी एक उमंग है. इसके लिए आभार.
किसी को रूनझुन-रूनझुन
‘पायल’ कर जाता है
या फिर किसी के अस्तित्व को
’घायल’ कर जाता है
आईने की ये परिभाषा एकदम अलग और क़ाबिले-तारीफ़ है
वर्मा जी, बहुत गहरी बात कह दी आपने। आभार एवं बधाई।
---------
त्रिया चरित्र : मीनू खरे
संगीत ने तोड़ दी भाषा की ज़ंजीरें।
Kitna anootha khayal hai ye...aaaina wastu nahee,swabhaav hai! Wah!
बहुत ठीक लिखा है ! खूब लिखा है ! मेरे ब्लोग पर भी आएं व फ़ोलो करें ! मैं आपको फ़ोलो किए देता हूं !
बाह बहुत खूब लिखा है , "संग कोई जिंदगी भर नहीं चलता है ,खुद को तुम खुद के संग लिखो "
बधाई |
आशा
bahut hi prerak aur sandeshatmakt prastuti.
संग कोई उम्र भर नहीं चलता है खुद को तुम खुद के संग लिखो
bahut hi sateek baat
poonam
करीब से देखो जिन्दगी के वाकये
मुस्कुराता हुआ एक प्रसंग लिखो
bahut khoob kaha hai..
जुल्म के ख़िलाफ़ तुम जंग लिखो
बदरंग कायनात है तुम रंग लिखो .
हताश-परेशान हौसलों के ईर्द-गिर्द
हो सके तो मुकम्मल उमंग लिखो .
--
बहुत ही प्रेरक अभिव्यक्ति!
बहुत खूबसूरत गजल ।
जुल्म के ख़िलाफ़ तुम जंग लिखो
बदरंग कायनात है तुम रंग लिखो
प्रेरणादायक रचना वर्मा साहब !
umda gazal..
atisundar..
सन्देश देती सुन्दर गज़ल
सन्देश देती सुन्दर गज़ल
Great post. Check my website on hindi stories at afsaana
. Thanks!
Post a Comment