* * *
दुर्लभ काले घोड़े की नाल हो गये
तुम अब तो अरहर की दाल हो गये
तुम अब तो अरहर की दाल हो गये
.
पहुँच हमारी नुक्कड़ की दुकान तक
तुम मँहगे और ऊँचे मॉल हो गये
पहुँच हमारी नुक्कड़ की दुकान तक
तुम मँहगे और ऊँचे मॉल हो गये
.
हर सख्श की रंगत काली-पीली है
जाने क्या खाकर तुम लाल हो गये
हर सख्श की रंगत काली-पीली है
जाने क्या खाकर तुम लाल हो गये
.
गूदड़ में कट जाती है सर्दी अपनी
तुम तो पश्मीना की शाल हो गये
गूदड़ में कट जाती है सर्दी अपनी
तुम तो पश्मीना की शाल हो गये
.
भला क्यूँ आस लगाये अब तुमसे
तुम जब अनुत्तरित सवाल हो गये
भला क्यूँ आस लगाये अब तुमसे
तुम जब अनुत्तरित सवाल हो गये
* * *
42 comments:
waah badhiya likha
Rachna
tum arhar ki daal ho gaye
jitna jyada pani dala,
utne malamaal ho gaye...
garib ki thali me surakh kar kitne mote gaal go gaye
tum arhar ki daal ho gaye....
wah-wah!
और पता नहीं कितने जमाखोर
रातो-रात माला माल हो गए !
अरहर महादेव !
MAZA AAGYA SAHEB !
KAMAAL KI KAVITA
GAZAB KA BHAV
भाई वाह पहले शेर में ही आनन्द आ गया. तुम अरहर की दाल हो गये. वाह-वाह. यश मालवीय जी के गीत की याद हो आयी-
झुर्री-झुर्री गाल हो गये.
जैसे बीता साल हो गये.
भरी तिज़ोरी सरपंचों की,
तुम कैसे कंगाल हो गये.
बहुत अच्छा बधाई
bahut hi map toul ke rakhate hai .....aapani rachana ke ek ek panktiyo ko .......bahut hi sundar rachana
धन्यवाद आप सभी को
दुर्लभ काले घोड़े की नाल हो गये
तुम अब तो अरहर की दाल हो गये
बहुत सुन्दर सामयिक रचना
क्या बात है
मज़ा आ गया
सुन्दर सामयिक रचना बहुत सुन्दर ...
मज़ा आ गया, बहुत अच्छा बधाई.
दुर्लभ काले घोड़े की नाल हो गये
तुम अब तो अरहर की दाल हो गये
-वाह!! क्या बात है-उम्दा!!
बहुत जोरदार। इसे कहते हैं समसामयिक कविता।
वाह लजवाब तुलना सामयिक रचना राखी की शुभकामनायें आभार्
बहुत सुंदर!
रक्षाबंधन पर हार्दिक शुभकामनाएँ!
विश्व-भ्रातृत्व विजयी हो!
वाह!क्या बात है।शानदार्।
wah verma ji, jawaab nahin is rachna ka, badhaai.
its was so beautifully written
दुर्लभ काले घोड़े की नाल हो गये
तुम अब तो अरहर की दाल हो गये
बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति बधाई ।
अरहर की दाल भी कभी इतनी ख़ास हो जायेगी सोचा न था :) बहुत खूब लगी यह पंक्तियाँ
मजा आ गया...
नीमन बोले हैं. थोड़ा दिन बाद वइसे मूंगो पे गाना लिखे के पड़ेगा.
जय हो। अरहर की दाल हो गये हो/एक ठो बवाल हो गये हो।
kya khoob likha aapne,
padhte padhte ham nihaal ho gaye..
कटु व्यंग ,लेकिन कितना सत्य ! अहमदाबाद में लोगों ने मॉल बंद करवा दिए ..कि ,उन्हें मालिक समक्ष चाहिए ..! खैर ..ये तो विषयांतर हो गया ..बड़ी संजीदगी के साथ आपने अपनी बात कही है..
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बहुत ही उम्दा रचना. लाजवाब. आभार.
waah bahut khoob तुम अब तो अरहर की दाल हो गये..
हे अरहर की दाल ,तुम्हारे जलवे भी आजकल समझ में नहीं आते .गीत, गजल ,कविता ,साहित्य की हर विधा में पायी जाती हो और हम बेवकूफ तुम्हें थाली में ही ढूँढे जा रहे हैं .......
pahali bar aayee aapke blog par wakaee tabiyat khush ho gayee.. kamal gajalen likhate hain.
हर सख्श की रंगत काली-पीली है
जाने क्या खाकर तुम लाल हो गये
sahee hai.
भला क्यूँ आस लगाये अब तुमसे
तुम जब अनुत्तरित सवाल हो गये
bahut kuchh kah diya apne . badhai!!!!!
बहुत सुंदर और लाजवाब रचना! मुझे तो कविता का नाम बेहद पसंद आया! मज़ा आ गया आपकी इस कविता को पड़कर!
Aji kya khub likha hai apne...tum arhar ki dal ho gaye..Interesting !!
दुर्लभ काले घोड़े की नाल हो गये
तुम अब तो अरहर की दाल हो गये
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पहुँच हमारी नुक्कड़ की दुकान तक
तुम मँहगे और ऊँचे मॉल हो गये
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हर सख्श की रंगत काली-पीली है
जाने क्या खाकर तुम लाल हो गये
.
गूदड़ में कट जाती है सर्दी अपनी
तुम तो पश्मीना की शाल हो गये
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भला क्यूँ आस लगाये अब तुमसे
तुम जब अनुत्तरित सवाल हो गयेwaah kya rachana hai .saath hi arhar ke bhav ne ijjat bhi badha diya .jo ab tak bhojan ka swad badhate rahe .wo ab kavita me bhi swad badhate nazar aane lage . mahangai me inki jagah yahi banne wali hai .
वाह वर्मा जी भुत खूब क्या तुलना की है ,आप ने ,,,
बहुत ही सुन्दर और सामयिक रचना कही न ,
कही आईना दिखाती हुई ,,,,
मेरा प्रणाम स्वीकार करे
सादर
प्रवीण पथिक
९९७१९६९०८४
वाह!क्या बात है,बहुत सुन्दर।
bahut hi sundar rachna..mazaa gaya padh ke......
waah saheb bahut hi khoobsurat rachana,badhai! swikare
waise bhi NAREGA se roti mil jaye yahi bahut hai.......
ऐसी कविता क्यू लिखी आपने..
कुछ देर को ही सही कई कवि बेख्याल हो गये...
rgds
अपर्णा
बहुत ही सटीक और बेहतरीन
Ise kahte hain saamyik Ghazal.
{ Treasurer-S, T }
wahhhhhhhhhhhhhhhhhh kya baat hai..
kya andaj-e-bayaN or kya shabdo ka chunaav
khoobtar haqiqat se ru-b-ru
vuyangatmak ..rachna ke liye bandhai
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