सूरज को भी छाँव में आते हुए देखा है
गली को सड़क से बतियाते हुए देखा है
'हया' का मतलब समझ गया हूँ मैं भी
पलक झुककर उन्हें शरमाते हुए देखा है
एक पल में अनगिनत छवि उभर गयी
आइने से आईने को बतियाते हुए देखा है
गठबंधन के बंधन मज़बूत हो गए हैं
गीदडों को शहर में आते हुए देखा है
तपिश बढ़ गयी, आबोहवा बदली सी है
मासूम फूलों को मुरझाते हुए देखा है
अदब का तमगा दिया गया उसको ही
कल तक जिसे ज़ुल्म ढाते हुए देखा है
सपनों की आहटें भी चौकन्ना करती हैं
लोगों को ख्वाब भी चुराते हुए देखा है
14 comments:
लोगों को ख्वाब भी चुराते हुए देखा है
bahut khoob bahut sunder
तपिश बढ़ गयी, आबोहवा बदली सी हैमासूम फूलों को मुरझाते हुए देखा है
वैसे सभी शेर माला के मोतियो जैसे है पर यह मेरे दिल के करीब लगा बहुत सुन्दर्
bahut hi khoobsoorat alfaz.
एक पल में अनगिनत छवि उभर गयीआइने से आईने को बतियाते हुए देखा है .
bahut khoob .aap mere blog pe aaye shukriya .sabhi rachnaye dekhi ati sundar .
मैं आपको नियमित पढता रहा हूँ आपकी हर रचना में मुझे कुछ विशेष नजर आया है मगर आज मुझे कोई शेर ख़ास पसंद नहीं आया कहाँ औसत लगी मुझे.
आशा करता हूँ इस बेबाक टिप्पडी का बुरा नहीं मानेगें
वीनस केसरी
bahut khoob verma ji , sabhi sher umda. badhaai.
सपनों की आहटें भी चौकन्ना करती हैं
लोगों को ख्वाब भी चुराते हुए देखा है
bahut khoob likha hai aapne..
badhai..
अदब का तमगा दिया गया उसको ही
कल तक जिसे ज़ुल्म ढाते हुए देखा है
बहुत सुन्दर गजल
बहुत अच्छा लिखा है आपने
इसी तरह अपने बेहतरीन सृजन से पाठकों को आनंदित करतें रहें.
अगली पोस्ट का इन्तजार रहेगा...!
पाखी
अदब का तमगा दिया गया उसको हीकल तक जिसे ज़ुल्म ढाते हुए देखा है
सपनों की आहटें भी चौकन्ना करती हैंलोगों को ख्वाब भी चुराते हुए देखा ह
ak arth purn gajal ki.khubsurat abhi vykti.
behad prabhavshali pantiya hain ye
तपिश बढ़ गयी, आबोहवा बदली सी हैमासूम फूलों को मुरझाते हुए देखा है
bahut pasand aayi.
sapno ki aahten aur khwaabon ki chori....waah
आज मुझे आप का ब्लॉग देखने का सुअवसर मिला।
वाकई आपने बहुत अच्छा लिखा है। वाह!!! भावनाओं का कितना सजीव चित्रण किया है आप ने... और कितनी संजीदगी है इन लाइनों में.. सचमुच मजा आ गया....
आप की रचनाएँ, स्टाइल अन्य सबसे थोड़ा हट के है...
बधाई स्वीकारें।
आप मेरे ब्लॉग पर आए और एक उत्साहवर्द्धक कमेन्ट दिया, शुक्रिया.
आप के अमूल्य सुझावों और टिप्पणियों का 'मेरी पत्रिका' में स्वागत है...
Link : www.meripatrika.co.cc
…Ravi Srivastava
bahut umda..achhi rachna!
Great post. Check my website on hindi stories at afsaana
. Thanks!
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