Tuesday, May 12, 2009

लूट ली अस्मत उसकी .....

अपने ज़ज्बात को इस तरह जगाते रहिए
ख़ुद ही के ज़ख्मों पर नमक लगाते रहिए


नोच ले जायेंगे बोटियाँ गिद्धों के काफिले
अब तो आँखें खोलिए जिस्म हिलाते रहिए

लूट ली अस्मत उसकी, उसी के बाप ने
आप से क्या मतलब, बस मुस्कुराते रहिए

रोटियों की क्या फिक्र, रोटियां महफूज़ हैं
महज़ इतना करिए कि दुम हिलाते रहिए

नफरती खंज़र पहचान न लें अजीजों को
मुलम्मा मज़हबी ज़हर का चढाते रहिए

बनाने के लिए इनको फिर से गुलाम
ज़श्ने आज़ादी में इनको भी बुलाते रहिए
.
देखिये ये लोग तो नीद से जागने लगे हैं
रह-रह कर इन्हें सब्जबाग दिखाते रहिए

18 comments:

Unknown said...

good

अमिताभ त्रिपाठी ’ अमित’ said...

वर्मा जी,
बढ़िया है।
अपने ज़ज्बातों को इस तरह जगाते रहिए
ख़ुद ही के ज़ख्मों पर नमक लगाते रहिए
अच्छा लगा

प्रकाश गोविंद said...

देखिये ये लोग तो नीद से जागने लगे हैं
रह-रह कर इन्हें सब्जबाग दिखाते रहिए

बहुत खूब

वाह ... वाह

दिल दुखता है... said...

हिंदी ब्लॉग की दुनिया में आपका तहेदिल से स्वागत है....

दिगम्बर नासवा said...

रोटियों की क्या फिक्र, रोटियां महफूज़ हैं
महज़ इतना करिए कि दुम हिलाते रहिए

धमाकेदार ग़ज़ल से आप आये वर्मा जी.............
जोरदार ग़ज़ल
स्वागत है आपका

डॉ.भूपेन्द्र कुमार सिंह said...

good, revolutionary ghazal.
welcome to blog jagat.
Dr.Bhoopendra

Yogesh Verma Swapn said...

देखिये ये लोग तो नीद से जागने लगे हैं
रह-रह कर इन्हें सब्जबाग दिखाते रहिए

wah verma ji, sabhi sher umda, blog jagat men swagat ke saath shubhkaamnayen.

man darpan said...

रोटियों की क्या फिक्र, रोटियां महफूज़ हैं
महज़ इतना करिए कि दुम हिलाते रहिए
आप की रचना प्रशंसा के योग्य है . लिखते रहिये
चिटठा जगत मैं आप का स्वागत है

SHRI RAM SHOP said...

Wah lage rahiye.
Naye bloggerro ka swagat hai.

आर.आर.अवस्थी said...

स्वागत है. शुभकामनायें.

गोविंद गोयल, श्रीगंगानगर said...

bahut khub, narayan narayan

Unknown said...

varmaji, bahut hi shandar ghazal hai... AAPKO BADHAI,,,,,,,,bus ek nivedan hai ki jazbaaton ki jagah sirf jazbaat kahiye...kyonki jazbaat khud bahuvachan hai,jaise halat likhte hain halaton nahi likhte,vaise hi ya toh jazbon likhen ya jazbaat....bura na manna pl.WISH YOU ALL THE BEST

Deepak "बेदिल" said...

wahhh........muje ye gazal bhot hi jada pasand aayi kamaal...umda....bahtareen

alfaz said...

truly great!

आनन्द पाठक said...

sri Verma ji

aap ke gazal bahut hi sunder v lazawaab hai...isi tarah aap hum sab ko Gazal sunaate rahiye
mubaarak ho

संगीता पुरी said...

बहुत सुंदर…..आपके इस सुंदर से चिटठे के साथ आपका ब्‍लाग जगत में स्‍वागत है…..आशा है , आप अपनी प्रतिभा से हिन्‍दी चिटठा जगत को समृद्ध करने और हिन्‍दी पाठको को ज्ञान बांटने के साथ साथ खुद भी सफलता प्राप्‍त करेंगे …..हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं।

neeta said...

tabeeyat khush karne wala qalaam ...wah!

अरुण चन्द्र रॉय said...

"नोच ले जायेंगे बोटियाँ गिद्धों के काफिले
अब तो आँखें खोलिए जिस्म हिलाते रहिए "

bahut hi sanjeeda gazal.. sameecheen... saarthak samvaad !