Tuesday, February 2, 2010

इतने काँटे कौन बोया?

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रात रोया

दिन ढोया

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इतने काँटे

कौन बोया?

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रूठी रोटी

भूखा सोया

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खुद ताउम्र

खुदी खोया

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दाग पक्के

खूब धोया

30 comments:

Udan Tashtari said...

बहुत सटीक!

डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali) said...

पक्के दाग कभी नहीं छूटते ..... बहुत सही और सटीक कविता....

नोट: लखनऊ से बाहर होने की वजह से .... काफी दिनों तक नहीं आ पाया ....माफ़ी चाहता हूँ....

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

कम शब्दों में गहरी बात!

डॉ टी एस दराल said...

अति सूक्षम, अति प्रभावशाली।

Yogesh Verma Swapn said...

ati uttam.

Urmi said...

सच्चाई को दर्शाती हुई बहुत सुन्दर रचना ! हर एक शब्द में गहराई है और मुझे आपकी ये कविता बेहद पसंद आया! बधाई!

ताऊ रामपुरिया said...

बहुत लाजवाब.

रामराम.

रवि कुमार, रावतभाटा said...

यह भी खूब रही...

कडुवासच said...

..... कमाल-धमाल .... बेहतरीन रचना !!!

रंजना said...

शब्द और भाव सौन्दर्य ने तो चुंधिया ही दिया....लाजवाब...बेजोड़...अतिसुन्दर...

वाणी गीत said...

दाग पक्के धोने से कहाँ मिटते हैं ...कई बार और मटमैला कर जाते हैं ....अच्छा है दाग को स्वीकार करें ...साहस के साथ ...
इतना कुछ सोचने को मजबूर कर गयी आपकी कविता ..

दीपक 'मशाल' said...

इतने कम शब्द और इतनी सुन्दर रचना!!!! ऐसी बानगी कम मिलती है...
जय हिंद...

Girish Kumar Billore said...

अपने तरह की एक अलग कहन
अदभुत शिल्प
वाह क्या कविता है

निर्मला कपिला said...

लाजवाब -----कमाल --- एक दम अलग अंदाज मे बहुत सुन्दर । बधाई

अजय कुमार said...

शब्दों का सार्थक उपयोग

vandana gupta said...

behad gahan abhivyakti.

दिगम्बर नासवा said...

कितनी गहरी और कितनी लंबी बात इस माइक्रो पोस्ट ......... सत्य, सटीक बातें कहना आपकी ख़ासियत है वर्मा जी ........ और वो झलक आज की रचना में भी नज़र आ रही है .........

Kulwant Happy said...

दो शब्द
बहुत कुछ कह जाते हैं। अब पता चला।

पूनम श्रीवास्तव said...

Aadarniya varma ji
ek gahari anu bhuti ko darshati aati sundar aur behatareen rachna.

poonam

पी.सी.गोदियाल "परचेत" said...

रूठी रोटी
भूखा सोया
दाग पक्के
खूब धोया

बहुत खूब !
दिन को हंसा
रात रोया !!

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

वाह....दो - दो शब्दों का इतना कमाल.....और हर शब्द में जिंदगी का फलसफा

बहुत खूब

Parul kanani said...

nirali vidha
khoob bhayi!! :)

Unknown said...

jawaab nhi aapna....
very nice

अनामिका की सदायें ...... said...

bahut umda baangi. shabdo ka jadu kamaal hai.

सदा said...

हर शब्‍द गहरे भावों के साथ लाजवाब प्रस्‍तुति ।

Prem Farukhabadi said...

अतिसुन्दर...लाजवाब!बधाई!!

पूनम श्रीवास्तव said...

kam shabdon men bahut sundar abhivyakti.
Poonam

संजय भास्‍कर said...

बहुत लाजवाब.

संजय भास्‍कर said...

Maaf kijiyga kai dino busy hone ke kaaran blog par nahi aa skaa

Anonymous said...

bahut hi achhi kavita hai