Sunday, April 18, 2010

घरौन्दे की नींव आज रखिये

image

हथेली पर अपने ताज़ रखिये

कुछ तो नया अन्दाज़ रखिये

.

आप तो आप हैं, नाम बेशक

रीना, मेरी या शहनाज़ रखिये

.

ज़माना कान लगाये बैठा है

दफ़्न अपने कुछ राज़ रखिये

.

बेसुरापन है, शोर का मंजर है

संग अपने अपना साज़ रखिये

.

वज़ूद सलामत रखनी हो तो

निगाहों में आप बाज़ रखिये

.

सराहे कोई, क्यों है इंतजार

खुद ही खुद पर नाज़ रखिये

.

कल का इंतजार क्यूँ है भला

घरौन्दे की नींव आज रखिये

38 comments:

Gyan Dutt Pandey said...

क्या खूब - एक एक छन्द जानदार है!

दिलीप said...

waah gazab ki shayriyon se shushobhit gazal...
http://dilkikalam-dileep.blogspot.com/

Razia said...

बहुत खूब
सुन्दर गज़ल
समसामयिक रचना

Nai Kalam said...

Tareef karoon kya uski.. jisne ise banaya.. :)

Satish Saxena said...

कुछ अलग सा अंदाज़ है आज वर्मा जी !
शुभकामनायें

राज भाटिय़ा said...

बहुत सुंदर लगी आप की यह रचना जी

विनोद कुमार पांडेय said...

वज़ूद सलामत रखनी हो तो,
निगाहों में आप बाज़ रखिये
बहुत खूबसूरत ग़ज़ल...वर्मा जी बहुत बहुत बधाई

Anonymous said...

एक उम्दा ग़ज़ल...

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

वजूद सलामत रखनी हो तो
निगाहों में आप बाज़ रखिये .

बहुत खूबसूरत गज़ल.....

kshama said...

सराहे कोई, क्यों है इंतजार

खुद ही खुद पर नाज़ रखिये

.

कल का इंतजार क्यूँ है भला

घरौन्दे की नींव आज रखिये
Harek lafz apni jagah pe gadha hua lagta hai! Kamal kar dete hain aap!

Indranil Bhattacharjee ........."सैल" said...

बहुत ही सुन्दर और जानदार ग़ज़ल है ! पढके मज़ा आ गया !
एक एक शेर बेहद उम्दा है ...

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' said...

हथेली पर अपने ताज़ रखिये

कुछ तो नया अन्दाज़ रखिये


छोटी बहर की बहुत ही सुन्दर ग़जल है!

Jyoti said...

बहुत ही सुन्दर ग़ज़ल ......
.....

प्रवीण पाण्डेय said...

वाह के सिवाय और क्या ।
बहुत ही सुन्दर ।

स्पाईसीकार्टून said...

शानदार गज़ल। मान गए साहब

पी.सी.गोदियाल "परचेत" said...

कल का इंतजार क्यूँ है भला

घरौन्दे की नींव आज रखिये

Bahut sundar, varmaa sahaab !

Urmi said...

बहुत सुन्दर रचना लिखा है आपने जो काबिले तारीफ़ है! बधाई!

vandana gupta said...

्क्या कहूँ…………………॥बेहद उम्दा, शानदार,गज़ब की प्रस्तुति।

रश्मि प्रभा... said...

हथेली पर अपने ताज़ रखिये

कुछ तो नया अन्दाज़ रखिये

.bahut khoob

रचना दीक्षित said...

सराहे कोई, क्यों है इंतजार

खुद ही खुद पर नाज़ रखिये

वाह !!!!!!!!! क्या बात है..... अच्छी है ग़ज़ल .शानदार जानदार और क्या कहूँ..........

anuradha srivastav said...

बहुत खूब........

संजय भास्‍कर said...

कुछ अलग सा अंदाज़ है आज वर्मा जी !
शुभकामनायें

दिगम्बर नासवा said...

कल का इंतजार क्यूँ है भला
घरौन्दे की नींव आज रखिये

वाह वर्मा जी ... ग़ज़ल का हर शेर नयी बात कहता है ... सुभान अल्ला .... लाजवाब शेरों का पुलिंदा ...

Alpana Verma said...

वज़ूद सलामत रखनी हो
तो निगाहों में आप बाज़ रखिये

बहुत खूब !
बहुत अच्छा लिखा है.सटीक!

Parul kanani said...

sir..sundar pravah mein likhi gazal hai aapki :)

मनोज कुमार said...

क्या खूब - एक एक शे’र वज़्नदार है!

Neeraj Kumar said...

सराहे कोई, क्यों है इंतजार खुद ही खुद पर नाज़ रखिये ...

बहुत खूब वर्मा जी... नयापन है अंदाजे-बयां में और खूबसूरत भाव हैं... क्या कहने...

स्वप्न मञ्जूषा said...

कविता क्या खूब कही है
यही अपना अंदाज़ रखिये...
आभार...

पूनम श्रीवास्तव said...

bahut hi shandar.bar bar padhne ko man kar gaya.
poonam

Kusum Thakur said...

वज़ूद सलामत रखनी हो तो,
निगाहों में आप बाज़ रखिये

बहुत खूब ....आभार !!

सर्वत एम० said...

ये गजल का नया नया लहजा,
और ये लफ्ज़ लफ्ज़ का जादू,
किस्से सीखा है हमको बतलाओ.
आपने तो कमाल ही कर दिखाया. मैं सम्भवतः सोमवार दोपहर बाद दिल्ली पहुँचूँगा. अगर भेंट हो सकी तो गजलों पर विस्तार से वार्ता करेंगे.

अनामिका की सदायें ...... said...

yaha to har sher apne me ek raaz rakhe huai hai.
bahut umda gazel.

शारदा अरोरा said...

जैसी जानदार शुरुवात है ग़ज़ल की , वैसी ही पूरी भी हुई । अपना साज तो बहुत खूब कहा , अपने अन्दर से ही भरे पूरे रहें .... और इसी घरौंदे की नींव कल क्यों आज और अभी रख लें ।

कडुवासच said...

कल का इंतजार क्यूँ है भला
घरौन्दे की नींव आज रखिये
....prasanshaneey rachanaa,badhaai !!!

Akshitaa (Pakhi) said...

बहुत सुन्दर लिखा आपने अंकल जी !

________________
'पाखी की दुनिया' में इस बार माउन्ट हैरियट की सैर करें !!

!!अक्षय-मन!! said...

waah sir waah kya likha hai aapne pad kar dil khush ho gaya.......

is gazal ki har pankhti nayab ehsaason ko liye huye hai jo mann ki gehraiyon ko chu jati hai.....

Himanshu Pandey said...

समर्थ छन्द लिखे हैं आपने ! बेहतरीन !

Unknown said...

Great post. Check my website on hindi stories at afsaana
. Thanks!