Aapke in choti kavitaon me shabdon ka khel mujhe bada achha lagta hai... ek alag si baat hai inme...bhasha ke drishti se bhi aur bhawna ke drishti se bhi...
आमंत्रण के लिए शुक्रिया। इतनी अच्छी पंक्तियां, इतने अच्छे भाव! अभी कुछ ही कविताएं पढ़ी। कल और पढ़ंूगी। वाकई बहुत कमाल का लिखते हैं आप। आपके ब्लॉग पर आना अब शायद मेरी दिनचर्या में शामिल होगा। पुन: धन्यवाद।
HAAR shabd ka prayog acchha laga.. lekin ek baat khatak gayi...is haar shabd ko shadi k haar means khushi k mauke par prayog kiya gaya...bt kalam ki dhaar ka kamal he ye to..aur acchha he.
43 comments:
पहला बेहतरीन ।
दूसरे में कुछ खटक सा रहा है।
हर्षित हैं शाख पर पत्ते, झूम रही है डाली
एक अर्से के बाद जो, तूने झूल है डाली।
गुताखी मांफ , पर ये कैसा रहेगा ।
bahut sunder... kam shabdo me saargarbhit aur bhavpoorn sandesh... ek dusre se jude hone ka...
धन्यवाद दराल सर
आवश्यक परिवर्तन कर दिया है
वाह बेहद ख़ूबसूरत! नए अंदाज़ में और चंद शब्दों में आपने बहुत ही सुन्दर सन्देश दिया है! बहुत अच्छा लगा!
dard aur sukun dono ko bakhoobi vyakt kiya hai
पीड़ा को बहुत सुन्दर शब्द दिए है
शब्दों की हेराफेरी है
बहुत सुन्दर
वाह ....बहुत खूबसूरत...
हार का अच्छा प्रयोग
हार का विल्कुल सही प्रयोग किया है!
Pahali rachana waqayi bahut sundar hai!
nice
पहला वाला बहुत पसंद आया!!
...प्रभावशाली रचनाएं!!!
Bhavpurn chitramay rachna bahut achhi lagi..
Haardik shubhkamnayen....
बहुत ही बेहतरीन अभिव्यक्ति ।
रोचक अर्थपूर्ण क्षणिकाएं हैं. आपके अंदाज़ निराले हैं.
sundar..!
दिल को छू गई।
शब्दों का अर्थपूर्ण प्रयोग
गुमसुम सा खड़ा है जिन्दगी को हार !!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!बेहतरीन क्षणिकाएँ
आज पहना दिया उसके गले में किसी और ने हार वह गुमसुम सा खड़ा है जिन्दगी को हार
behtreen..........dil ko chhoo gaya.
बेहतरीन रचनाएं.
रामराम.
पीड़ा को बहुत सुन्दर शब्द दिए है
किस खूबसूरती से लिखा है आपने। मुँह से वाह निकल गया पढते ही।
sundar dono rachnaaye
Aapke in choti kavitaon me shabdon ka khel mujhe bada achha lagta hai... ek alag si baat hai inme...bhasha ke drishti se bhi aur bhawna ke drishti se bhi...
वाह सुन्दर संयोजन बन पड़ा है,शब्दों का... सुन्दर रचनाएं
आमंत्रण के लिए शुक्रिया। इतनी अच्छी पंक्तियां, इतने अच्छे भाव! अभी कुछ ही कविताएं पढ़ी। कल और पढ़ंूगी। वाकई बहुत कमाल का लिखते हैं आप। आपके ब्लॉग पर आना अब शायद मेरी दिनचर्या में शामिल होगा। पुन: धन्यवाद।
मधुर अहसास की सुंदर प्रस्तुती ! बधाई !
आप की रचना शैली में अनूठा नयापन है । यमक और श्लेष का सधा हुआ प्रयोग आपकी निजता भी है और विशेषता भी । प्रशंसा स्वीकारें ।
बहुत सुंदर रचना. धन्यवाद
यह भी खूब रही...
Pahla bahut achha laga..doosareme ant me 'daalee' zara khatka...waise mai is qabil nahi ki, aapke likhepe tippanee karun...Kshama prarthi hun!
aapne jidagi se jude dard ko bkhoobi bayan kia hai
मज़ा आ गया ... आप मास्टर हैं उलट फेर के ....
पहले वाला तो लाजवाब है ...
dono kshanikaye bahut khoobsurat.
HAAR shabd ka prayog acchha laga..
lekin ek baat khatak gayi...is haar shabd ko shadi k haar means khushi k mauke par prayog kiya gaya...bt kalam ki dhaar ka kamal he ye to..aur acchha he.
बहुत बढ़िया दोनों बहुत पसंद आई शुक्रिया
are waah varmaji, bahut khoob likhaa he ji aapne..
ye topivaala kutta kaun hai. iska yahan kaam kya.iske sir mein danda maaro yaaro.
वाह हार के दोहराव का सुंदर प्रयोग किया है आपने ........!!
पर दूसरी वाली में तो झुला पुल्लिंग है तो 'डाला' होना चाहिए .....
पर कविता में तुक मिलाने के लिए इतना इधर उधर तो चलता .....!!
और Mr Anonymous को पता नहीं ताऊ जी हमारे लिए कितने सम्मानीय व्यक्ति हैं ....कृपया टिप्पणी में इस तरह की हरकत न करें ......!!
भैया यह हार है ना जीत है बस ज़िन्दगी से प्रीत है ।
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