
बाहु ही नहीं हैं जो बाहुबली हैं
ऐसे फितरती तो गली-गली हैं
.
माली तैयार बैठे हैं तोड़ने को
खिलने को आतुर जो कली हैं
.
कल ही ब्याह कर आयी थी
देखिये वो आज अधजली है
.
श्वासों पर भी पहरा है उसके
जिसे कहते हैं नाज़ों पली है
.
हँस कर दो बोल वो बोली
सभी कहने लगे मनचली है
.
चित्र : साभार गूगल सर्च
18 comments:
हँस कर दो बोल वो बोली
सभी कहने लगे मनचली है
कितने गहरे अर्थ दिये है आपने अपनी गजल मे.
bahut hi sahi likha hai aapane
श्वासों पर भी पहरा है उसके
जिसे कहते हैं नाज़ों पली है
khoobsurat sher. bahut khoobsurat
सुंदर भाव!
बहुत खूबसूरत गजल है मतले ने ख़ास आकर्षित किया
वीनस केसरी
श्वासों पर भी पहरा है उसके
जिसे कहते हैं नाज़ों पली है
यही है बेटियों के जीवन की सच्चाई ।
बहुत खूबसूरत विचार हैं, जिन्हें आपने बहुत ही कलात्मकता से शब्दों का जामा पहना दिया है, बधाई।
श्वासों पर भी पहरा है उसके
जिसे कहते हैं नाज़ों पली है
bahut khoob..........
kitani gambheer bat kahi hai...
aapko dher saree badhayee
waah
माली तैयार बैठे हैं तोड़ने को
खिलने को आतुर जो कली
ज़िन्दगी की तल्ख़ हकीकत को क्या खूब बयां किया है आपने इन दो मिसरों में ...वाह...लाजवाब वर्मा जी...वाह...
नीरज
हुजूर वाह वाह पे मत जाईये !
ब्लॉग की दुनिया में वाह वाह का मतलब
समझना पड़ता है !
आपकी पहले की उत्कृष्ट रचनाओं के मुकाबले
इस रचना का स्तर काफी निम्न है !
शुभकामनाएं !
आज की आवाज
हँस कर दो बोल वो बोली
सभी कहने लगे मनचली है
वाह क्या बात है।
wah ! varma ji
bahut gahri bat kahi apne
bahut badhai is sundar nazm par
prakash govind ki tipanni se sahmat hoon
बहुत ख़ूबसूरत ग़ज़ल लिखा है आपने कि मैं तो निशब्द हो गई पड़कर! इस बेहतरीन ग़ज़ल के लिए बधाई!
शायद हर किसी की सोच आपकी तरह हो तो वास्तव में ये कलियाँ हर घर को महकायें
कल ही व्याह कर आयी
आज देखिये अधजली है
हांम्स कर वो दो बोल बोली
सभी कहने लगे मन्चली है
बहुत खूब्सूरत अभिव्यक्ति है बधाई
[Photo]
बाहु ही नहीं हैं जो बाहुबली हैं
ऐसे फितरती तो गली-गली हैं .
माली तैयार बैठे हैं तोड़ने को
खिलने को आतुर जो कली हैं .
कल ही ब्याह कर आयी थी
देखिये वो आज अधजली है.
श्वासों पर भी पहरा है उसके
जिसे कहते हैं नाज़ों पली है .
हँस कर दो बोल वो बोली
सभी कहने लगे मनचली है .
poori hi pankti itni sundar hai kisi ek ke saath nayaye nahi kar payi ,duvidha me poori likh di .umda gahare arth liye .
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