
तुम आगाज़ लिखो, मैं अंजाम लिखूंगा
तुम्हारी देहरी पे आज सलाम लिखूंगा
.
परिंदे की तरह उड़ने की ख्वाहिश है
ख़त मैं आज बादलों के नाम लिखूंगा
.
पेशानी पर हाथ रखकर बैठो तो ज़रा
कलम बेचैन है, आज कलाम लिखूंगा
.
हसरतों की मौत देखी है मैंने अब तक
हसरतें, अब ज़िंदगी तेरे नाम लिखूंगा
.
महज़ नज़र-ऐ-इनायत की आरजू है
नज़र से ही नज़र को पैगाम लिखूंगा
.
ख़त में तुम्हे अपना नाम न मिलेगा
तुम्हे गुल, तो कभी गुलफाम लिखूंगा
तुम्हारी देहरी पे आज सलाम लिखूंगा
.
परिंदे की तरह उड़ने की ख्वाहिश है
ख़त मैं आज बादलों के नाम लिखूंगा
.
पेशानी पर हाथ रखकर बैठो तो ज़रा
कलम बेचैन है, आज कलाम लिखूंगा
.
हसरतों की मौत देखी है मैंने अब तक
हसरतें, अब ज़िंदगी तेरे नाम लिखूंगा
.
महज़ नज़र-ऐ-इनायत की आरजू है
नज़र से ही नज़र को पैगाम लिखूंगा
.
ख़त में तुम्हे अपना नाम न मिलेगा
तुम्हे गुल, तो कभी गुलफाम लिखूंगा
13 comments:
क्या बात है , बहुत बढ़िया , बेहतरीन ग़ज़ल पढने को मिली |
verma ji
gajab ,,kam shabdo mai itni khoobsurati se piroya hai bhavo ko jaise kal-kal bahte pani ka pravah
bandhai ek khoobsurat kalam ke liye
aapki bechain kalam aise hi baichen rahe ..or hath rakhne vala koi aasna
नजर से ही नजर को पैगाम।
बहुत खूबसूरती से दिया है अंजाम।
-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
हौसला आफज़ाई का शुक्रिया
verma ji , aapki kalam jaadoo dikhane lagi hai, umda gazalke liye badhai.
हसरतों की मौत देखी है मैंने अब तक,
हसरतें, अब ज़िन्दगी के नाम लिखूंगा
बहुत खुबसूरत ख्याल !!
अच्छा लगा !!
अरे वो गल्ती से मिट गयी। फिर से लिखती हूँ-
अच्छा लगा कि मिल-मिल के बात बन जाए
तुम आगाज़ लिखो, मैं अंजाम लिखूंगा
वाह ! वाह ! वाह ! बेहतरीन ग़ज़ल....हर शेर लाजवाब...
maine aaj kai rachnao ko padha bahutkhoob likhate hai badhai|
maine aaj kai rachnao ko padha bahutkhoob likhate hai badhai|
Hi Raaz,
Thank You Very Much for sharing this great post.
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-Thanks for sharing
- Pallavi Joshi
Senior Account
वाह ! वाह ! वाह ! बेहतरीन ग़ज़ल
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