Saturday, May 30, 2009

घूम रहे हैं सपने चुराने वाले ~ ~

दुम हिला रहे है, त्योंरियां चढ़ाने वाले
देखो देख रहे हैं तमाशा हमें लड़ाने वाले
.
ख़बरदार कर दो कोई सो न जाए
गली में घूम रहे हैं सपने चुराने वाले
.
रिश्तों की टकराहट लाज़मी है क्योंकि
गले पड़ने लगे है रिश्ता निभाने वाले
.
तमगों से ढका मिला उनका ही सीना
जिनको लोग कहते है पीठ दिखाने वाले
.
खिलखिला कर मिलेंगे बड़ी गर्मजोशी से
हुनर पा लिया जब से दर्द छुपाने वाले

5 comments:

Anonymous said...

bahut khoob

Yogesh Verma Swapn said...

hamesh ki tarah ek aur gazal roopi anmol ratn, badhai sweekaren.

swapnyogesh.blogspot.com

Yogesh Verma Swapn said...

hamesh ki tarah ek aur gazal roopi anmol ratn, badhai sweekaren.

swapnyogesh.blogspot.com

Prem Farukhabadi said...

रिश्तों की टकराहट लाज़मी है क्योंकि
गले पड़ने लगे है रिश्ता निभाने वाले
.
तमगों से ढका मिला उनका ही सीना
जिनको लोग कहते है पीठ दिखाने वाले

बहुत ही सुन्दर .बधाई.

रज़िया "राज़" said...

ख़बरदार कर दो कोई सो न जाए
गली में घूम रहे हैं सपने चुराने वाले
बहोत खुब! ये शेर हमें खुब भा गया।