आपने
मेरे हर मसले पर
अपना बेबाक
नज़रिया दिया,
ये अलग बात है कि
इन्हें पूरा करने को
आपने तो कोई भी
न ज़रिया दिया.
~~~~~
मेरे तेरे बीच
अब तो कोई रहा
ना राज,
फिर क्यूँ रहती हो तुम
अक्सर मुझसे
नाराज.
~~~~~~~
उसकी तो
अब बस यही है
लालसा,
कि गोदी में आ जाये
अब कोई
लाल सा.
बेहतरीन और लाजवाब
ReplyDeleteमन को भा गईं या
यूं कहूं कि
मन में समा गईं।
बहुत ही भावपूर्ण निशब्द कर देने वाली रचना . गहरे भाव.
ReplyDeleteशब्दों का चातुर्य और भावों की सुन्दर अभिव्यक्ति
ReplyDeleteबहुत बेहतरीन रचना!
ReplyDelete-
हिन्दी में विशिष्ट लेखन का आपका योगदान सराहनीय है. आपको साधुवाद!!
लेखन के साथ साथ प्रतिभा प्रोत्साहन हेतु टिप्पणी करना आपका कर्तव्य है एवं भाषा के प्रचार प्रसार हेतु अपने कर्तव्यों का निर्वहन करें. यह एक निवेदन मात्र है.
अनेक शुभकामनाएँ.
बहुत बढ़िया रहा ये परीक्षण।
ReplyDeleteलाज़वाब वर्मा जी।
उसकी तो
ReplyDeleteअब बस यही है
लालसा,
कि गोदी में आ जाये
अब कोई
लाल सा.
बेहतरीन !
अति सुंदर
ReplyDeleteउसकी तो
ReplyDeleteअब बस यही है
लालसा,
कि गोदी में आ जाये
अब कोई
लाल सा.
वाह ,,,,,,,,,,क्या खूब भावों को बुना है।
तीनो क्षणिकाएं लाजवाब हैं....बहुत खूब..शब्दों के प्रयोग में बहुत चातुर्य दिखाया है...अच्छा लगा
ReplyDeleteबहुत ख़ूबसूरत,भावपूर्ण और लाजवाब रचना लिखा है आपने!
ReplyDeleteलाल सा की लालसा बहुत खूब रही!
ReplyDeleteलाल कि लालसा ..बहुत खूब..वैसे तीनो क्षणिकाएं लाजबाब हैं
ReplyDeleteएकदम सटीक।
ReplyDeleteBahut hi lajawaab rachana...dhanywaad!
ReplyDeleteRaamnavami ki shubhkaamanae!!
बहुत सूंदर नाईस नाईस जी.
ReplyDeleteधन्यवाद
एक एक क्षणिका अपने में गहरा अर्थ समेटे हुए
ReplyDeleteआपने
ReplyDeleteमेरे हर मसले पर
अपना बेबाक
नज़रिया दिया,
ये अलग बात है कि
इन्हें पूरा करने को
आपने तो कोई भी
न ज़रिया दिया.
सुन्दर क्षणिकायें. आभार.
वाह वर्मा जी ।
ReplyDeleteशहीद भगत सिंह पर एक रपट यहाँ भी देखें
http://sharadakokas.blogspot.com
बहुत सुन्दर क्षणिकाएं.मन को छू गयीं
ReplyDeleteहां कभी कभी लाल ही बहुत सी उलझने सुलझाने वाला होता है। बहुत से समीकरण एक झटके में बदलते हैं उसके आने से।
ReplyDeleteवाह वाह ... वर्मा जी ... आपका हाथ चूमे का दिल करता है ... कहा कहा से ढूँढ कर उलट फेर कर रहे हैं ... मज़ा आ गया ...
ReplyDeleteहोंठो पर मुस्कराहट ला देती हैं आपकी ये क्षणिकाएं वर्मा सर..
ReplyDeleteअदभुत है ,लाजवाब है सर बधाई
ReplyDeletewah man bhai shabdon ki jadugari. bahut khoob.
ReplyDeletewaah.......bahut hi badhiyaa
ReplyDeleteक्षणिकाएं बेहतरीन हैं।
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