सर आपको इतनी विलंब से सूचना मिलने के बावजूद भी आप पहुंचे ये मेरे लिए बहुत बडी बात थी अगली बार ये गलती नहीं होगी , आपने चित्र का एलबम बडा कर दिया मेरे लिए , और हां आप तो शायद चाय काफ़ी भी नहीं ले सके , अगली बार के लिए ड्यू रहा । अजय कुमार झा
आपने तो तुरंत फुरंत फोटो छाप दी और अपने धर्म से मुक्त हो गए. मुझे जहाँ बहुत लोगों से कायदे से बात न कर पाने, बहुतों से मुलाक़ात न होने का दुःख है, वहीं आपसे ठीक से मिल न सकने का भी बेहद दुःख है. शिकायत नहीं है लेकिन बन्धु मैं तो लखनऊ से आ गया और आप ....! बुरा नहीं मानने का, मुझे व्यस्तताओं-परेशानियों का पूरा अंदाज़ा है. लेकिन समय कम होने और आपसे मिलने का जो सपना था, वो पूरा न होने की खीझ आप पर भी न उतारूं तो किस पर उतारूं? आप को भी ऐसा ही कुछ लगा ना!
bahut aache chitra liye verma ji
ReplyDeleteबढ़िया झांकी. :)
ReplyDeleteइतने सारे चित्र देख कर दिल्ली में न रह पाने का अफसोस हो रहा है।
ReplyDeletesaare bloggers ek sath!
ReplyDeletelucky ho bhai,
isi bahane ek jagah pr vidwano ka 'kumbh'
kaash! soochna mili hoti, delhi men to hum bhi rahte hain bhai.
ReplyDeleteबहुत खूब!
ReplyDeleteकुछ को पहचान पाना मुश्किल लगता है.
ReplyDeleteवर्मा जी बहुत खूबसूरत पल थे ये...हमेशा याद रहेंगे...
ReplyDeleteचित्र बहुत अच्छॆ है लेकिन इस के साथ यदि इन के नाम भी लिख दिए जाते तो पहचानने मे आसानी होती।धन्यवाद।
ReplyDeleteअरे! वाह. यह चित्रमयी रिपोर्टिंग बहुत अच्छी लगी...
ReplyDeleteसर आपको इतनी विलंब से सूचना मिलने के बावजूद भी आप पहुंचे ये मेरे लिए बहुत बडी बात थी अगली बार ये गलती नहीं होगी , आपने चित्र का एलबम बडा कर दिया मेरे लिए , और हां आप तो शायद चाय काफ़ी भी नहीं ले सके , अगली बार के लिए ड्यू रहा ।
ReplyDeleteअजय कुमार झा
इन फ़ोटूओं मे हम क्यों नही दिख रहे हैं?:)
ReplyDeleteरामराम.
वर्मा जी नाम मत बतलाइयेगा
ReplyDeleteनाम तो सबसे पूछेंगे हम
देखते हैं इस बार कौन जीतेंगे
दिल्ली में एक हिन्दी ब्लॉगर भवन
बनवाने का कार्यक्रम हैं
प्रायोजकों की जरूरत है
शीघ्र संपर्क कीजिएगा
जमीन हो तो जमीन
अथवा जमीन देगा कोई
तो बाकी मिल के बनवा दीजिएगा।
तब सदा सुबह दोपहर शाम
दिल्ली हिन्दी ब्लॉगर भवन में
ब्लॉगर मिलते रहा करेंगे
फिर पहचानने के लिए
नहीं कहेंगे
पर तब तक सहना होगा
नाम किसका क्या है, कहना होगा।
वर्मा जी,
ReplyDeleteपरमजीत बाली की बात पर ध्यान दीजिये.
सभी चित्रों के नीचे नाम भी लिख दीजिये, पहचानने मे आसानी हो जायेगी.
बढ़िया चित्रमय रिपोर्ट
ReplyDeletecongratulations 4 success of blogger's Meet at Delhi....
ReplyDeleteMAHAVEER B. SEMLANI
badhiya tasveerein, badhai ek bdhiya meet k liye
ReplyDeletebadhiya chitr report.
ReplyDeleteवर्मा सर सुन्दर एल्बम बनाया आपने.. :)
ReplyDeleteआभार..
जय हिंद...
.... सिर्फ़ चित्रों से काम चलने बाला नही है एक पोस्ट और लगानी पडेगी!!!!
ReplyDeleteबहुत बढ़िया चित्रावली
ReplyDeleteअपने न आ पाने पर अफ़सोस है
खैर, अगली बार फिर कभी
बी एस पाबला
दिल्ली में दिल से मिले दिल
ReplyDeleteऔर सजी ब्लागरों की महफिल
अब तो फ़ोटू देख कर ही खुश हो रहें है,जाते तो आप सबसे रूबरू होते।
ReplyDeleteहमारे लिए चित्र मिलन अच्छा रहा.
ReplyDeleteआपने तो तुरंत फुरंत फोटो छाप दी और अपने धर्म से मुक्त हो गए. मुझे जहाँ बहुत लोगों से कायदे से बात न कर पाने, बहुतों से मुलाक़ात न होने का दुःख है, वहीं आपसे ठीक से मिल न सकने का भी बेहद दुःख है. शिकायत नहीं है लेकिन बन्धु मैं तो लखनऊ से आ गया और आप ....! बुरा नहीं मानने का, मुझे व्यस्तताओं-परेशानियों का पूरा अंदाज़ा है. लेकिन समय कम होने और आपसे मिलने का जो सपना था, वो पूरा न होने की खीझ आप पर भी न उतारूं तो किस पर उतारूं?
ReplyDeleteआप को भी ऐसा ही कुछ लगा ना!
बेहतरीन चित्रमय प्रस्तुति के लिये आभार ।
ReplyDeleteवाह वर्मा जी , इतने सारे चित्र !
ReplyDeleteआपने तो पल भर में सारे पल समेट लिए , मिलन के ।
बहुत खूब।
बहुत बडिया बधाई आपको
ReplyDeletesir ji gagar me sagar bhar diya aapne...sunder rchna...
ReplyDeleteचित्र और रपट के लिए धन्यवाद!
ReplyDeleteइस पोस्ट को चर्चा मंच के लिए चुरा लिया गया है!
Sir post to kal hi padh li thi aur jyadatar dekhi hi..:)
ReplyDeleteaap kaise hain.. ho sake to apna no. de dena.. kabhi aapse margdarshan le liya karoonga..
चित्रों की ज़ुबानी कह दी आपने मीट की दास्तान.......... सभी चित्र अच्छे लग रहे हैं ...........
ReplyDeleteवर्मा जी बहुत बढ़िया पोस्ट! चित्रों के साथ बहुत ही सुन्दरता से प्रस्तुत किया है आपने !
ReplyDeleteबहुत अच्छी जानकारी।
ReplyDeletebadhiya hai...
ReplyDeleteसरवत जमाल की तरह मेरी भी यही शिकायत है भाई जी ! सबसे खुल के बात नहीं हो सकी , अगली बार की आशा है है !
ReplyDeleteसादर
@ सतीश सक्सेना
ReplyDeleteखुले में ही थे सब खुल
बस मन के अंदर थे कैद।
nice pics check my website https://happyhindi.com/happy-hindi-blog-directory/
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