क्या खोया क्या पाया
बड़ी तल्लीनता से
हर रिश्ता निभाया
पुराना वर्ष गया और
नया वर्ष आया.
नव वर्ष पर
कुछ नया करने को ठानी
सुबह उठते ही बड़े प्यार से
पत्नी को बोला 'रानी'
छूटती ही बोली -
दिमाग तो ठीक है
क्या है तुम्हें परेशानी!
आठ बज गये है
चाय दिया न पानी
बड़े आये कहने वाले 'रानी'
लगता है खोये हुए हो
किसी और के खयालों में
इस तरह तो नहीं बोले
इतने सालो में!
मैनें किसी तरह पिण्ड छुड़ाया
घर से निकलकर सड़क पर आया
रास्ते में एक भिखारी नज़र आया
कुछ नया करने का मैने राह पाया
मैं बोला Happy New Year
कहाँ जा रहे हो Dear
क्या तुम्हें पता नहीं
जीवन एक सौगात है
भीख माँगना बुरी बात है.
वह बोला -
भीख माँगना भी छोड़ देंगे
अपने जीवन की धारा भी
आप कहते हैं तो मोड़ देंगे
पर इतना बता दीजिए
अपने बीबी-बच्चों को
आपके घर कब छोड़ दूँ
आपको बड़े भिखारी
नज़र नहीं आते हैं.
आप जैसे समाज सेवक
हमीं से क्यूँ टकराते हैं?
मैं कन्नी काटकर आगे बढ़ा
घबराकर फ़ुटपाथ पर चढ़ा
मैने सोचा
छोटे-मोटे बाधाओं से
क्या डरना है
नए साल पर कुछ तो
नया करना है.
मैं समझ गया था
किसी और को बदलने से अच्छा है
खुद में ही परिवर्तन लाये
फिर मन में विचार जगा
क्यों न पुराने रिश्तों को
नए ढंग से निभाया जाए;
रोतों को चलो हँसाया जाए;
किसी भटके को राह दिखाया जाए;
कुछ खोकर भी कुछ पाया जाए;
चलो इस तरह
नया साल मनाया जाए.
Happy New Year 1010
नए साल की कामना पूरी हो
ReplyDeleteआपको नव वर्ष 2010 की हार्दिक शुभकामनाएं।
ReplyDeleteआप को ओर आप के परिवार को नववर्ष की बहुत बधाई एवं अनेक शुभकामनाए
ReplyDeleteकोई दूसरा नही समझ पाया आपके नये साल मनाने की स्टाइल तो क्या फ़र्क पड़ता है आप तो कामयाब रहे ..बढ़िया रचना ..नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ!!
ReplyDeleteबहुत सही!!
ReplyDeleteवर्ष २०१० मे हर माह एक नया हिंदी चिट्ठा किसी नए व्यक्ति से भी शुरू करवाने का संकल्प लें और हिंदी चिट्ठों की संख्या बढ़ाने और विविधता प्रदान करने में योगदान करें।
- यही हिंदी चिट्ठाजगत और हिन्दी की सच्ची सेवा है।-
नववर्ष की बहुत बधाई एवं अनेक शुभकामनाएँ!
समीर लाल
उड़न तश्तरी
आपकी कामना अवश्य पूरी होगी .. आपके और आपके परिवार के लिए भी नववर्ष मंगलमय हो !!
ReplyDeleteव्यवहारिक रचना.
ReplyDeleteनूतनवर्षाभिनंदन
- विजय
कितनी सुन्दर कामना है -क्यों न पुराने रिश्तों को नए ढंग से निभाया जाए;--आशा है की नए वर्ष में यह निश्चित ही पूरी होगी !
ReplyDeleteरोते को हंसाने में तो आप सफल हो ही गए हैं ...पिछले दो तीन दिनों से ब्लॉगजगत की हालत देख कर सचमुच रोना ही आ रहा था ...
ReplyDeleteनव वर्ष की बहुत शुभकामनायें .....!!
वाह !!
ReplyDeleteवर्मा जी आपके जज्बात तो सबसे अलग लगे...
आपकी कामना पूरी हो ...
आप को ओर आप के परिवार को नववर्ष की बहुत बधाई
ReplyDeleteवाह, क्या बात कह दी वर्मा साहब !
ReplyDeleteरोतों को चलो हंसाया जाये, बहुत ही सुन्दर पंक्तियों के साथ बहुत ही अच्छी रचना, नववर्ष की बधाई के साथ शुभकामनायें ।
ReplyDeleteनये साल की घणी रामराम.
ReplyDeleteरामराम.
rote ko hansaya jaye...........isse shubh kya hoga.
ReplyDeletenav varsh mangalmay ho
क्यों न पुराने रिश्तों को नए ढंग से निभाया जाए; रोतों को चलो हँसाया जाए; किसी भटके को राह दिखाया जाए;
ReplyDeleteउत्तम विचार।
आपको और आपके समस्त परिवार को नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें।
wah verma ji , bahut umda vyangya, antim para waqt ki zaroorat.
ReplyDeleteनये साल में सहज ही रहें । अच्छी रचना ,नव वर्ष मंगलमय हो
ReplyDeleteनए वर्ष की आपको शुभकामनायें....
ReplyDeleteबहुत खूब वर्मा जी हास्य और व्यंग के साथ नये साल की बहुत बहुत शुभकामनाएँ ........ ६-७ दिनों से बाहर था, नेट तक पहुँच नही थी ........ देरी से आने के लिए क्षमा प्रार्थी हूँ ........
ReplyDeletewah kya khubsurat khyal hai ....aapki kamna poori ho.
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