शातिर ये शिकारी हैं
‘कृपा’ के व्यापारी हैं
.
बीमारी दूर करेंगे क्या
खुद ये तो बीमारी हैं
.
इनके सफ़ेद वस्त्रों में
जेब नहीं आलमारी हैं
.
रिश्तों को किश्तों में
बेचने वाले पंसारी हैं
.
घुटनों के बल रेंग रहे
फिर भी क्रांतिकारी हैं
.
जोड़कर माया-स्विश
बनते ये अवतारी हैं
.
धन-साधन युक्त मगर
मत समझो संसारी हैं
35 comments:
समाज पर सही चोट की गयी है इस कविता के ज़रिये. दाद क़ुबूल फरमाएं!
'बीमारी दूर करेंगे क्या
खुद ये तो बीमारी हैं.'
- इस बीमारी के लिये कोई छिड़काव होता हो कितना अच्छा रहता !
बढ़िया ..करारी रचना...
रिश्तों को किश्तों में
बेचने वाले पंसारी हैं....
और असल से ज्यादा
सूद वसूलने वाले व्यापारी है...
सादर.
छोटी बहर की ग़ज़लों में मारक क्षमता होती है, यदि ये साध लिए जाएं तो। आपने कमाल का लिखा है।
इनके सफ़ेद वस्त्रों में
जेब नहीं आलमारी हैं
यह प्रयोग ला जवाब है।
इस बड़ी सामयिक समस्या पर जबरदस्त कटाक्ष किया आपने इस कविता के माध्यम से. सुंदर प्रस्तुति. आभार.
धारदार ग़ज़ल...
सीधा कटाक्ष करती गजल
अवतारी की महिमा निराली...
इनके सफेद वस्त्रों में
जेब नहीं अलमारी है।
...अनूठा प्रयोग। लाज़वाब।
वाह ! शानदार चोट|
गजब की अभिव्यक्ति
रिश्तों को किश्तों में
बेचने वाले पंसारी हैं
.... bahut sahi
bahut hi samayik rachana prastuti..abhaar
शानदार व्यंग .
इसे बाबा कृपा शंकर को पढवाना चाहिए .
वाह ...बहुत ही बढि़या ।
ये फ्री-फंड का खाने वाले
देश पर एक बीमारी है !
बहुत सुन्दर कटाक्ष वर्मा साहब !
इनके सफ़ेद वस्त्रों में
जेब नहीं आलमारी हैं
.
रिश्तों को किश्तों में
बेचने वाले पंसारी हैं
बेहद सुंदर, सटीक और सामयिक भी ।
bahut sateek gazal hai. aisa hi haal aaj kal ke Doctors ka hai jo professional ho gaye hain. Pvt. hospitals me to unhe target pure karne hi hote hain....apne vyaktigat kshetr me bhi baaz nahi aate apni tijoriyan bharne se.
aapki ye gazel padh kar dr.k liye bhi aise vichar kaundh gaye...so likh diya.
जोड़कर माया-स्विश
बनते ये अवतारी हैं
माया, स्विश और अवतारों के बीच संबंधों की नई परिभाषा !
वाह ! बेहतरीन !!
एकदम सटीक व्यंग किया है
...शानदार प्रस्तुति .....
बहुत बढ़िया कटाक्ष
जबरदस्त रचना
इनके सफ़ेद वस्त्रों में
जेब नहीं आलमारी हैं
....बहुत सुंदर और सशक्त व्यंग....
रिश्तों को किश्तों में
बेचने वाले पंसारी हैं
sach me aisa hi hai......
धन-साधन युक्त मगर
मत समझो संसारी हैं
Sateek Panktiyan
जोड़कर माया-स्विश बनते ये अवतारी हैं . धन-साधन युक्त मगर मत समझो संसारी हैं,.
बहुत सुंदर कमाल की प्रस्तुति,..बेहतरीन पोस्ट
MY RESENT POST .....आगे कोई मोड नही ....
behatreen post.. badhiya aur prabhavhsali vyangya
बीमारी दूर करेंगे क्या
खुद ये तो बीमारी हैं .
..bahut badi laailaj bimari ban gayee hai..
bahut sarthak sateek rachna!
कवि ने भी आखिर चेता दिया :)
पाखण्ड को उजागर करती बहुत बढ़िया रचना.समयोचित भी है. साधुवाद.
घुटनों के बल रेंग रहे
फिर भी क्रांतिकारी हैं
waah..Great Satire...
.
. बीमारी दूर करेंगे क्या खुद ये तो बीमारी हैं
वाह .......बहुत ही सुन्दर
इनके सफ़ेद वस्त्रों में
जेब नहीं आलमारी हैं ..
गज़ब ... क्या चोट है समाज के सफेदपोशों पर ...
लाजवाब हर शेर करार तमाचा ...
itne chote meter me ghazal likhne wala vyakti to wakai kabile taarif hai
Great post. Check my website on hindi stories at afsaana
. Thanks!
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