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वह व्यस्त था
अपने कारोबार में
वह खुश था
अपने परिवार में
वह रात को देर से सोया था
सुमधुर सपने में खोया था
अचानक वह झिझोड़कर उठाया गया
और उसे बताया गया
‘‘सोओ मत’’
‘‘अगले चौराहे पर तुम्हारा धर्म खतरे में है’’
‘‘तुम चलो हम आते हैं’’
"औरों को भी जगाते हैं"
आँख मलते हुए वह जागा
असलहे इकट्ठा किया
धर्म पताका हाथ में लिया
और चौराहे की ओर भागा
उसने बहुत ढ़ूढा
अपने उस धर्म को जो खतरे में था
पर नहीं मिला
दूसरे धर्म के लोग भी वहाँ आए हुए थे
वे भी इसी तरह
झिझोड़े और जगाए हुए थे
वह अपनी धर्म पताका लहराते हुए
उनसे ही भिड़ गया
देखते देखते वहाँ
भीषण जंग छिड़ गया
वह गिरता रहा-पड़ता रहा
पर बेखौफ लड़ता रहा।
नेपथ्य से आवाजें आ रही थी -
लड़ो हम आ रहे हैं।
उसने हौसला नहीं खोया
और जोश से भर गया
बुलंद आवाज में लगाया नारा
कई लोगों को खंजर मारा
कई लोगों को मौत के घाट उतारा
इन सबके दौरान
एक खंजर उसके अन्दर भी गया
और लड़ते-लड़ते
अन्ततोगत्वा वह भी मर गया
तदुपरान्त सरकार द्वारा प्रायोजित
आंसू बहाने वाले बुलाए गए
और जमकर टी वी शो में
आंकड़ों के तीर चलाए गए
यकीन मानिए
जब ये सब रक्तरंजित हो रहे थे
इन सबके धर्म
अपने नीड़ में सुरक्षित सो रहे थे
चित्र : गूगल

wah!
जवाब देंहटाएं😊 Thanks
हटाएंइन सबके धर्म
जवाब देंहटाएंअपने नीड़ में सुरक्षित सो रहे थे
व्वाहहहहहहह
Thanks 😊
हटाएंआपकी लिखी रचना "पांच लिंकों के आनन्द में रविवार 02 नवंबर , 2025 को लिंक की जाएगी .... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ... धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंधन्यवाद
हटाएंबहुत गहरी, सटीक और सत्य बयानी ... बेलाग, बेलपेट ...
जवाब देंहटाएंप्रणाम धन्यवाद
हटाएंवाह
जवाब देंहटाएंधन्यवाद
हटाएंबेहतरीन
जवाब देंहटाएंधन्यवाद
हटाएंकितना सटीक लिखा है कि कैसे “धर्म के खतरे” के नाम पर लोगों को बहकाया जाता है। वो आदमी, जो बस अपनी ज़िंदगी में खुश था, कैसे एक झूठी पुकार पर मौत तक पहुँच गया, ये बेहद दर्दनाक और सच्चा दृश्य है।
जवाब देंहटाएंधन्यवाद
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
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