Sunday, June 3, 2012

तुम पहाड़ पर चढ़ो ….



तुम पहाड़ पर चढ़ो
हम तुम्हारी सफलता के लिए
दुआएं करेंगे;
तुम जमीन खोदकर
पाताल में उतर जाओ,
जब तक तुम
बाहर नहीं आ जाते
हम तुम्हारे लिए
फिक्रमंद रहेंगे.
हम लड़ रहे हैं;
लड़ते रहेंगे तुम्हारे लिए.
तुम चिलचिलाती धूप में
रेतीली जमीन पार कर
उस पार जब पहुंचोगे,
हवाई मार्ग से पहुंचकर
हम तुम्हे वहीं मिलेंगे,
भरे मंच पर
तुम्हारा सम्मान करेंगे;
तुम्हारे अथक श्रम की
भूरि-भूरि सराहना और
तुम्हारी जीजिविषा का
गुणगान करेंगे.
तुम निश्चिन्त रहो,
हमने तो
तुम्हारे जीवन के एवज में
मुआवजे भी तजबीज रखें हैं,
हमारे लिए तुम्हारा जीवन
बेशकीमती है,
तुम बेख़ौफ़ होकर
पहाड़ पर चढ़ो
हम तुम्हारी सफलता के लिए
दुआएं करेंगे

42 comments:

  1. महीन कटाक्ष।
    आनंद आ गया पढ़कर।
    हमारी बधाई स्वीकार करें सर जी।

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  2. चुभेगा ज़रूर...................

    बहुत बढ़िया .

    सादर.

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  3. वाह,क्या खूब चढ़ाया है इमली के झाड़ पर !

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  4. सुन्दर कटाक्ष है,हर किसी के जीवन में कुछ ऐसे लोग अवश्य ही मिलते होंगे जो आपको पहाड पर चढाते होंगे और अपना ऊल्लू सीधा करते होंगे
    सुन्दर कविता है .......

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  5. बहुत सुंदर । मेरे नए पोस्ट पर आप सादर आमंत्रित हैं । धन्यवाद ।

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  6. तुम बेख़ौफ़ होकर
    पहाड़ पर चढ़ो
    हम तुम्हारी सफलता के लिए
    दुआएं करेंगे... हमारे पास यह तो है ही

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  7. सारा देश बस दुआघर बन गया है, सब बस कुछ हो जाने की दुआ कर रहे हैं।

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  8. पर हम कुछ नहीं करेंगे . सिवाय दुआ करने के ... तीखा कटाक्ष

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  9. आपकी इस उत्कृष्ठ प्रविष्टि की चर्चा कल मंगल वार 5/6/12 को राजेश कुमारी द्वारा चर्चा मंच पर की जायेगी |

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  10. मीठास के साथ किया गया गहरा कटाक्ष!

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  11. गहन भाव संयोजित किये हैं आपने ... आभार ।

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  12. वाह... उम्दा, बेहतरीन अभिव्यक्ति...बहुत बहुत बधाई...

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  13. आम आदमी और कर भी क्या सकता है ... बस कर ही सकता है .. बाकी सब काम तो वो (देश के कर्णधार) कर ही लेंगे ...
    गहरा कटाक्ष है इस रचना में ...

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  14. सुन्दर अभिव्यक्ति,भावपूर्ण

    करारा.

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  15. आम आदमी की खास कहानी .

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  16. हाय ! सफलता की यही कहानी...चुभोती हुई..

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  17. wah ! umda....kataksh bhi pyar say...

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  18. This comment has been removed by the author.

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  19. तुम पहाड़ पर चढ़ो....तीक्ष्ण व्यंग्य

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  20. बहुत सार्थक और सटीक कटाक्ष...बहुत सुन्दर

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  21. तुम चिलचिलाती धूप में
    रेतीली जमीन पार कर
    उस पार जब पहुंचोगे,
    हवाई मार्ग से पहुंचकर
    हम तुम्हे वहीं मिलेंगे, ....

    जबरदस्त प्रहार..... अत्यंत प्रभावशाली रचना...
    सादर.

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  22. बेहतर जनाब...

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  23. बेहद तीखा कटाक्ष
    बहुत ही बेहतरीन और सार्थक रचना...

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  24. अत्यधिक सुन्दर कटाक्ष
    (अरुन =arunsblog.in)

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  25. सुन्दर कविता
    (अरुन =arunsblog.in)

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  26. हम तो बस इतना ही कर सकते हैं ।

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  27. हम तुम्हारी सफलता के लिए

    दुआएं करेंगे
    बहुत ही सुन्दर रचना

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  28. तुम पहाड़ पर चढ़ो
    हम तुम्हारी सफलता के लिए
    दुआएं करेंगे......saral.....sunder shabd.

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  29. saral bhaw तुम पहाड़ पर चढ़ो
    हम तुम्हारी सफलता के लिए
    दुआएं करेंगे;.....

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  30. तुम बेख़ौफ़ होकर
    पहाड़ पर चढ़ो
    हम तुम्हारी सफलता के लिए
    दुआएं करेंगे.

    नए अंदाज़ की कविता.
    आभार.

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  31. हमारे लिए तुम्हारा जीवन

    बेशकीमती है,

    तुम बेख़ौफ़ होकर

    पहाड़ पर चढ़ो

    हम तुम्हारी सफलता के लिए

    दुआएं करेंगे
    बहुत सटीक और सीधी बात की तरह है भाई साहब .नेताओं पर तंत्र लोक के रहनुमाओं पर .

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  32. वाह बहुत खूब ....गहरा कटाक्ष

    किसी भी वक्त ...किसी की भी दुआ काम कर जाती हैं

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  33. this is a very beautiful n deep post...
    sarcasm at its best !!!

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  34. बहुत बेहतरीन व प्रभावपूर्ण रचना....
    मेरे ब्लॉग पर आपका हार्दिक स्वागत है।

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  35. गहन भाव समेटे रचना

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  36. आज के समय का सच ......

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  37. Great post. Check my website on hindi stories at http://afsaana.in/ . Thanks!

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  38. This comment has been removed by the author.

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