गुरुवार, 25 अप्रैल 2019

रजामंदी का दौर -- क्षणिकाएं

यूं तो तुमने मुझे
जीवन जीने का 
नज़रिया दिया
पर अफ़सोस 
कि तुमने 
जीवन जीने का
न ज़रिया दिया 
×××
लोग समझ रहे हैं कि
चल रहा है 
मंदी का दौर 
सच तो यह है कि
चल रहा है 
रजामंदी का दौर 

9 टिप्‍पणियां:

संजय भास्‍कर ने कहा…

क्षणिकाएँ लाजवाब हैं....बहुत ही लाजवाब

M VERMA ने कहा…

धन्यवाद

अनीता सैनी ने कहा…

जी नमस्ते,
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल सोमवार (27-04-2019) "परिवार का महत्व" (चर्चा अंक-3318) को पर भी होगी।
--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
आप भी सादर आमंत्रित है

--अनीता सैनी

M VERMA ने कहा…

धन्यवाद

Anuradha chauhan ने कहा…

बहुत सुंदर क्षणिकाएं कभी मेरे ब्लॉग पर भी आइए

M VERMA ने कहा…

जी बहुत बहुत धन्यवाद

देवेन्द्र पाण्डेय ने कहा…

अति सुंदर।

M VERMA ने कहा…

धन्यवाद देवेंद्र जी

Meena sharma ने कहा…

सुंदर