यही तो
गड़बड़झाला है
दाल में सब काला है
.
ओहदे पर तो होगा ही
वो जब उसका साला है
.
कैसे कहें जो कहना है
मुंह पर लगा ताला है
.
शायद किस्मत साथ दे
सिक्का फिर उछाला है
.
शब्दों के बगावती तेवर
परेशानी में वर्णमाला है
.
किरदार समझने लगे हैं
दुनिया एक रंगशाला है
.
जख्मों ने मेरे जिस्म को
समझ लिया धर्मशाला है
दाल में सब काला है
.
ओहदे पर तो होगा ही
वो जब उसका साला है
.
कैसे कहें जो कहना है
मुंह पर लगा ताला है
.
शायद किस्मत साथ दे
सिक्का फिर उछाला है
.
शब्दों के बगावती तेवर
परेशानी में वर्णमाला है
.
किरदार समझने लगे हैं
दुनिया एक रंगशाला है
.
जख्मों ने मेरे जिस्म को
समझ लिया धर्मशाला है
छोटी बहर में करारा कटाक्ष करते हुए इतनी कसी हुई गज़ल कम ही देखने को मिलती है।
ReplyDeleteतंज के साथ-साथ...
किरदार समझने लगे हैं
दुनियाँ एक रंगशाला है।
..में गहरा दर्शन और
ज़ख्मों ने मेरे जिस्म को
समझ लिया धर्मशाला है।
...में जिंदगी का दर्द बयान होता है।
एक शब्द में कहना हो तो यही कहेंगे..
..बेहतरीन!
जख्मों ने मेरे जिस्म को
ReplyDeleteसमझ लिया धर्मशाला है ....
जाने का नाम ही नहीं लेता ....
यूँ प्यारी कविता रची गयी है
ReplyDeleteक्योंकि डाला सही मसाला है...
:-)
सादर
अनु
कैसे कहें जो कहना है
ReplyDeleteमूंह पर लगा ताला है .
अपनी भी यही हालत है के हम कुछ कह नहीं सकते .
बहुत बढ़िया बातें कहीं हैं , छोटी बह्र की ग़ज़ल में .
जख्मों ने मेरे जिस्म को
ReplyDeleteसमझ लिया धर्मशाला है
Zakhm to dil ke bharte nahee....shareer ke to phirbhi bhar jate hain!
ओहदे पर तो होगा ही
ReplyDeleteवो जब उसका साला है
.बहुत धारदार गज़ल ... तीखा प्रहार
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बेहतरीन रचना
सावधान सावधान सावधान सावधान रहिए
♥ आपके ब्लॉग़ की चर्चा ब्लॉग4वार्ता पर ! ♥
♥ सावधान: एक खतरनाक सफ़र♥
♥ शुभकामनाएं ♥
ब्लॉ.ललित शर्मा
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बहुत ही गहरा, सन्नाट कटाक्ष..
ReplyDelete'verma' ji k shabdo ki chot hai to
ReplyDeletekuchh to tevar me garm-masala hai.
किरदार समझने लगे हैं , दुनिया रंगशाला है ...
ReplyDeleteजख्मों को कलेजे क्या लगाया , धर्मशाला समझ कर बस गये ...
बेहतरीन !
तेज़ धार सी वार करती हुई गजल..कमाल...
ReplyDeleteपरेशानी में वर्णमाला है
ReplyDeleteबहुत खूब!
दाल में अब काला ही काला है
ReplyDeleteबेहद खुबसूरत ! क्या बात
ReplyDeleteएक एक शब्द भावों में ढाला है |
ReplyDeleteयह प्रस्तुतियों में सबसे आला है |
बुरी नजर वाले का, शर्तिया मुंह काला है |
क्या खूब गजल रच डाला है
बड़ी तीखी कलम है आपकी भाई जी , बधाई इस प्रभावशाली रचना के लिए !
ReplyDeleteबड़ी तीखी कलम है आपकी भाई जी , बधाई इस प्रभावशाली रचना के लिए !
ReplyDeleteबगावती तेवर दिखा,अपने को मुश्किल फसा डाला है
ReplyDeleteकोई हिकमत काम न देगी,क्यों की उसका साला है,,,,
RECENT POST...: दोहे,,,,
बहुत अच्छी प्रस्तुति!
ReplyDeleteइस प्रविष्टी की चर्चा कल शनिवार (07-07-2012) के चर्चा मंच पर भी होगी!
सूचनार्थ!
किरदार समझने लगे हैं
ReplyDeleteदुनिया एक रंगशाला है...
यथार्थ का सटीक चित्रण करती पोस्ट ....
ReplyDeleteकिरदार समझने लगे हैं
ReplyDeleteदुनिया एक रंगशाला है
वाह ... बेहतरीन प्रस्तुति
वा वाह ...वा वाह ..
ReplyDeleteबधाई !
धारदार गज़ल्।
ReplyDeletedhardar gazal
ReplyDeleteओहदे पर तो होगा ही
ReplyDeleteवो जब उसका साला है
acute sarcasm .....par aajkal yahi hota hai
लाज़वाब गज़ल...हरेक शेर बहुत उम्दा...
ReplyDeleteबेहतरीन कटाक्ष .......
ReplyDeleteसुंदर ......!!
और दिल को चुभन दे दे कर
ReplyDeleteपिन कुशन बना डाला है ।
bahut khoob kaha.... laybadhbadh gungunate hue kataksh
ReplyDeleteshubhkamnayen
शब्दों के बगावती तेवर
ReplyDeleteपरेशानी में वर्णमाला है ।
क्या बात है, बहुत बढिया ।
bahot achche.....
ReplyDeleteज़ख्मों ने मेरे जिस्म को
ReplyDeleteसमझ लिया धर्मशाला है
- निराली अभिव्यक्ति !
ReplyDeleteकल 14/12/2012 को आपकी यह बेहतरीन पोस्ट http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर (कुलदीप सिंह ठाकुर की प्रस्तुति में ) लिंक की जा रही हैं.आपकी प्रतिक्रिया का स्वागत है .
धन्यवाद!
बेहद लाजवाब रचना मन को भा गयी ... आपकी इस रचना के लिए मैंने "नई-पुरानी हलचल" पर भी टिप्पणी की है।
ReplyDeleteआभार !!
my first short story:- बेतुकी खुशियाँ
बढ़िया प्रस्तुति .....आप भी पधारो स्वागत है ,....मेरा पता है
ReplyDeletehttp://pankajkrsah.blogspot.com
सुंदर प्रस्तुति।
ReplyDeleteमेरे ब्लॉग पर स्वागत है।
Awesome creation !
ReplyDeleteकहाँ खोये हो वर्मा जी ...?
ReplyDeleteशुभकामनाएं !
वर्मा जी कितने महीने हो गये.....नई पोस्ट तो बनती है ।
ReplyDeleteकिरदार समझने लगे दुनियां एक रंगशाला है
ReplyDeleteसच में कम शब्दों द्वारा एक सशक्त अभिव्यक्ति है बधाई
This comment has been removed by the author.
ReplyDeleteवाह ... बेहतरीन प्रस्तुति
ReplyDeleteबेहद खुबसूरत ! क्या बात
ReplyDeleteनई पोस्ट?
ReplyDeleteबहुत ही बेहतरीन रचना की प्रस्तुति।
ReplyDeleteबहुत सुंदर भावनायें और शब्द भी ...बेह्तरीन अभिव्यक्ति
ReplyDeleteसुंदर भावनायें
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