tag:blogger.com,1999:blog-7821085069302239061.post774553399755850986..comments2023-11-02T16:59:43.540+05:30Comments on जज़्बात: आईना खुद जब आईना देखता है (Mirror Effect)M VERMAhttp://www.blogger.com/profile/10122855925525653850noreply@blogger.comBlogger60125tag:blogger.com,1999:blog-7821085069302239061.post-711374779531272282011-04-05T17:07:03.857+05:302011-04-05T17:07:03.857+05:30आपका ब्लॉग देखा | बहुत ही सुन्दर तरीके से अपने अपन...आपका ब्लॉग देखा | बहुत ही सुन्दर तरीके से अपने अपने विचारो को रखा है बहुत अच्छा लगा इश्वर से प्राथना है की बस आप इसी तरह अपने इस लेखन के मार्ग पे और जयादा उन्ती करे आपको और जयादा सफलता मिले <br />अगर आपको फुर्सत मिले तो अप्प मेरे ब्लॉग पे पधारने का कष्ट करे मैं अपने निचे लिंक दे रहा हु <br />बहुत बहुत धन्यवाद <br />दिनेश पारीक<br />http://kuchtumkahokuchmekahu.blogspot.com/<br />http://vangaydinesh.blogspot.com/Dinesh pareekhttps://www.blogger.com/profile/00921803810659123076noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7821085069302239061.post-80793408304335965522011-03-02T17:39:51.374+05:302011-03-02T17:39:51.374+05:30आईना कभी कभार
खुद आईना देखता है
और अकस्मात देखते...आईना कभी कभार<br /><br />खुद आईना देखता है<br /><br />और अकस्मात देखते देखते<br /><br />अनगिनत हो जाता है । <br /><br />हम में से हरेक को आईना दिखाती कविता ।Asha Joglekarhttps://www.blogger.com/profile/05351082141819705264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7821085069302239061.post-600654450456459562011-02-04T10:03:13.908+05:302011-02-04T10:03:13.908+05:30कमाल की रचना है वर्मा जी !
हार्दिक शुभकामनायें !कमाल की रचना है वर्मा जी ! <br />हार्दिक शुभकामनायें !Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7821085069302239061.post-88381563464472211352011-01-15T18:15:59.921+05:302011-01-15T18:15:59.921+05:30आपके आईना की गहराई में झाँकने पर वास्तविक स्वभाव ज...आपके आईना की गहराई में झाँकने पर वास्तविक स्वभाव जरुर दिखाई पड़ने लगता है बहुत गहरे भाव भर दिये आपने अपने शब्दों में........बहुत सटीक रचना .Amrita Tanmayhttps://www.blogger.com/profile/06785912345168519887noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7821085069302239061.post-39683811919059730802011-01-13T23:42:51.483+05:302011-01-13T23:42:51.483+05:30जिन्दगी की सच्चाई का आइना दिखती है आपकी पोस्ट ।जिन्दगी की सच्चाई का आइना दिखती है आपकी पोस्ट ।palashhttps://www.blogger.com/profile/09020412180834601052noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7821085069302239061.post-20379798280625209652011-01-11T22:25:53.087+05:302011-01-11T22:25:53.087+05:30खुद को समेटने से कतराती रही है !देखिये किस कदर बेप...खुद को समेटने से कतराती रही है !देखिये किस कदर बेपरवाह है जिन्दगी ! सचमुच जिन्दगी का मोल बताती कविता बहुत सार्थक है ! नव वर्ष मंगलमय हो !Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7821085069302239061.post-40916235538149412662011-01-11T21:12:54.106+05:302011-01-11T21:12:54.106+05:30बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति...
ब्लॉग भी बहुत सुन्दर है...बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति...<br /><br />ब्लॉग भी बहुत सुन्दर है...फ़िरदौस ख़ानhttps://www.blogger.com/profile/09716330130297518352noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7821085069302239061.post-72452587776302579452011-01-11T14:42:17.690+05:302011-01-11T14:42:17.690+05:30कभी हाय तो कभी वाह है जिन्दगी
सतत और निर्बाध प्रव...कभी हाय तो कभी वाह है जिन्दगी<br /><br />सतत और निर्बाध प्रवाह है जिन्दगी <br /><br />उपरोक्त पंक्ति के लिए बहुत- बहुत धन्यवाद । <br />सच तो ये है कि -<br /><br />एक हिस्सा श्वेत तो एक श्याम है ,<br />गिरके उठना ज़िन्दगी का काम है, <br />जिन्दगी तो जिन्दगी है इसलिए कि- <br />चलते रहना जिन्दगी का नाम है।Dr.Uma Shankar Chaturvedihttps://www.blogger.com/profile/14992078946409054642noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7821085069302239061.post-62992469616423046882011-01-06T16:57:28.315+05:302011-01-06T16:57:28.315+05:30बहुत सटीक रचना ...बहुत सटीक रचना ...स्वातिhttps://www.blogger.com/profile/06459978590118769827noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7821085069302239061.post-14530862221646591482011-01-05T15:20:44.310+05:302011-01-05T15:20:44.310+05:30आप की कविता जिन्दगी की हकीकत व्याण करती हे जी, बहु...आप की कविता जिन्दगी की हकीकत व्याण करती हे जी, बहुत सुंदर. धन्यवादराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7821085069302239061.post-84440984832202535252011-01-04T19:54:46.055+05:302011-01-04T19:54:46.055+05:30ज़नाजे को कांधा देकर जब लौटेगा
खुद से कहेगा कि अफ़व...ज़नाजे को कांधा देकर जब लौटेगा<br /><br />खुद से कहेगा कि अफ़वाह है जिन्दगी<br />Wah!Kya gazab likhte hain aap!kshamahttps://www.blogger.com/profile/14115656986166219821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7821085069302239061.post-32276947488972308502011-01-01T16:41:21.357+05:302011-01-01T16:41:21.357+05:30आपको और आपके परिवार को मेरी और मेरे परिवार की और स...आपको और आपके परिवार को मेरी और मेरे परिवार की और से एक सुन्दर, सुखमय और समृद्ध नए साल की हार्दिक शुभकामना ! भगवान् से प्रार्थना है कि नया साल आप सबके लिए अच्छे स्वास्थ्य, खुशी और शान्ति से परिपूर्ण हो !!पी.सी.गोदियाल "परचेत"https://www.blogger.com/profile/15753852775337097760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7821085069302239061.post-50830019820839518602011-01-01T15:58:41.423+05:302011-01-01T15:58:41.423+05:30behad sundar rachna ,kitne mahine blog se door rah...behad sundar rachna ,kitne mahine blog se door rahi aur aap sabhi ki kai rachna nahi padh saki ab is kabi ko poora karna hai ,nav barsh ki dhero badhiyaan .ज्योति सिंहhttps://www.blogger.com/profile/14092900119898490662noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7821085069302239061.post-83789409048862227592010-12-25T17:48:38.310+05:302010-12-25T17:48:38.310+05:30आपको एवं आपके परिवार को क्रिसमस की हार्दिक शुभकामन...आपको एवं आपके परिवार को क्रिसमस की हार्दिक शुभकामनायें !Urmihttps://www.blogger.com/profile/11444733179920713322noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7821085069302239061.post-74815707715960175482010-12-24T21:05:31.335+05:302010-12-24T21:05:31.335+05:30बेहद संजीदा और मंजी हुई कविता है !..मानव मन के हर ...बेहद संजीदा और मंजी हुई कविता है !..मानव मन के हर कोने को देखती यह आइना कविता एक प्रौढ़ रचना है ! हम आभारी हैं आपके , इतनी सुंदर कविता पढकर !Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7821085069302239061.post-17310159479810275082010-12-19T00:26:11.181+05:302010-12-19T00:26:11.181+05:30"आईना जब टूटता है तो दीदार की हसरत लिये राह क..."आईना जब टूटता है तो दीदार की हसरत लिये राह के ईर्द-गिर्द बिखर जाता है" अति सुन्दर भावाभिव्यक्ति......।<br />===========================<br />आपके ब्लाग पर आ कर प्रसन्नता हुई। कई आलेखों का आस्वादन किया। भावपूर्ण लेखन के लिए बधाई। <br />========================<br />प्रेम पर एक सदाबहार टिप्पणी-<br />==================<br />प्रेम सुपरफ्लेम है।<br />मजेदार गेम है॥<br />हार-जीत का इसमें<br />होता न क्लेम है॥<br />-डॉ० डंडा लखनवीडॉ० डंडा लखनवीhttps://www.blogger.com/profile/14536866583084833513noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7821085069302239061.post-25336621191137171932010-12-18T18:11:40.071+05:302010-12-18T18:11:40.071+05:30आईना है एक प्रवृत्ति
यह सक्षम है बदलने को
किसी की ...आईना है एक प्रवृत्ति<br />यह सक्षम है बदलने को<br />किसी की भी चित्तवृत्ति<br />आईना अक्सर झाँकता है<br />आँखों में,<br />और पलांश में ही<br />हकीकत बयान कर देता है<br /><br />सही कहा आपने, आईना एक प्रवृत्ति है...<br />एक मनावैज्ञानिक सत्य को प्रतीकों के माध्यम से आपने बखूबी उद्घाटित किया है...<br />...शुभकामनाएं।महेन्द्र वर्माhttps://www.blogger.com/profile/03223817246093814433noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7821085069302239061.post-18554376345640131752010-12-15T10:35:02.247+05:302010-12-15T10:35:02.247+05:30इन्सान का मन जब उसके अन्दर देखता है तभी खुद को जान...इन्सान का मन जब उसके अन्दर देखता है तभी खुद को जान पाता है आईने के माध्यम से सुन्दर अभिव्यक्ति। शुभकामनायें।निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7821085069302239061.post-46563536639910481502010-12-14T16:06:34.856+05:302010-12-14T16:06:34.856+05:30आईना कोई वस्तु नही है यह होता है स्वभाव यह परख लेत...आईना कोई वस्तु नही है यह होता है स्वभाव यह परख लेता है पल में पूरा का पूरा वजूद और बदल देता है खुद को परख रहे का मनोभाव आईना है ...<br /><br />आईने का बखूबी प्रतिबिम्ब बनाया है आपने .....हरकीरत ' हीर'https://www.blogger.com/profile/09462263786489609976noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7821085069302239061.post-56069010094188156562010-12-14T15:56:50.963+05:302010-12-14T15:56:50.963+05:30बहुत प्यारी कविता..मन ही आइना है .
____________...बहुत प्यारी कविता..मन ही आइना है . <br /><br /><br />________________<br />'पाखी की दुनिया; में पाखी-पाखी...बटरफ्लाई !!Akshitaa (Pakhi)https://www.blogger.com/profile/06040970399010747427noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7821085069302239061.post-86233244254010581662010-12-14T13:53:55.897+05:302010-12-14T13:53:55.897+05:30आईना जो कुछ भी कहता है
उस पर खुद की मनोदशा का
ह...आईना जो कुछ भी कहता है<br /><br />उस पर खुद की मनोदशा का <br /><br />होता है प्रभाव<br /><br />आईना <br /><br />कोई वस्तु नही है<br /><br />यह होता है स्वभाव<br /><br />बिलकुल सही कहा आपने...शत प्रतिशत सही..रंजनाhttps://www.blogger.com/profile/01215091193936901460noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7821085069302239061.post-13629138036170166122010-12-14T13:19:49.546+05:302010-12-14T13:19:49.546+05:30अंतस्थल के मर्म हिस्से में
और किसी को रूनझुन-रूनझ...अंतस्थल के मर्म हिस्से में<br /><br />और किसी को रूनझुन-रूनझुन<br /><br />‘पायल’ कर जाता है<br /><br />या फिर किसी के अस्तित्व को<br /><br />’घायल’ कर जाता है<br /><br />वाकई...हमारा मन ही सबसे बड़ा आइना है और वह भी आइना देखता है...उसको भी कभी आइना देखने व दिखाने की जरूरत पड़ती है..सच का आइना..बहुत ही लाजवाब....वीना श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/09586067958061417939noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7821085069302239061.post-6470119399601448552010-12-14T13:19:49.035+05:302010-12-14T13:19:49.035+05:30अंतस्थल के मर्म हिस्से में
और किसी को रूनझुन-रूनझ...अंतस्थल के मर्म हिस्से में<br /><br />और किसी को रूनझुन-रूनझुन<br /><br />‘पायल’ कर जाता है<br /><br />या फिर किसी के अस्तित्व को<br /><br />’घायल’ कर जाता है<br /><br />वाकई...हमारा मन ही सबसे बड़ा आइना है और वह भी आइना देखता है...उसको भी कभी आइना देखने व दिखाने की जरूरत पड़ती है..सच का आइना..बहुत ही लाजवाब....वीना श्रीवास्तवhttps://www.blogger.com/profile/09586067958061417939noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7821085069302239061.post-22370196265215062642010-12-13T17:37:27.063+05:302010-12-13T17:37:27.063+05:30आदरणीय वर्मा जी ,
आईने में उभरते हुए अक्स के तमा...आदरणीय वर्मा जी ,<br />आईने में उभरते हुए अक्स के तमाम रंगों को सजाकर जीवन की यथार्थ पूर्ण अभिव्यक्ति इतनी बखूबी उकेरी जा सकती है ,यह आपकी कविता पढ़ने के बादही पता चलता है !<br />साभार,<br />-ज्ञानचंद मर्मज्ञज्ञानचंद मर्मज्ञhttps://www.blogger.com/profile/06670114041530155187noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7821085069302239061.post-69082717678148218222010-12-13T12:51:09.231+05:302010-12-13T12:51:09.231+05:30ग़ज़ब ... वर्मा जी बहुत ही लाजवाब और गहरी कविता है...ग़ज़ब ... वर्मा जी बहुत ही लाजवाब और गहरी कविता है .. आईने को लेकर इतना अच्छा बहुत कम पढ़ने को मिलता है ... बिंब को इंसान की सोच और यथार्ट से जोड़ दिया है आपने ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.com