tag:blogger.com,1999:blog-7821085069302239061.post2719575906635131505..comments2023-11-02T16:59:43.540+05:30Comments on जज़्बात: सलवटों की चाहत में ~~M VERMAhttp://www.blogger.com/profile/10122855925525653850noreply@blogger.comBlogger34125tag:blogger.com,1999:blog-7821085069302239061.post-51211812934252650322009-10-18T18:19:57.955+05:302009-10-18T18:19:57.955+05:30अति व्यस्त जीवन के न्यस्त स्वार्थों ने हमसे क्या छ...अति व्यस्त जीवन के न्यस्त स्वार्थों ने हमसे क्या छीना है, इसका यथार्थ चित्रण हुआ है आपके जज़्बातों में । <br /><br />बधाई स्वीकार करें ।मनोज भारतीhttps://www.blogger.com/profile/17135494655229277134noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7821085069302239061.post-21854884392042622262009-10-17T16:18:51.317+05:302009-10-17T16:18:51.317+05:30अब कई दिनों से कुछ पढ़ न रहा था। आज आपकी यह पोस्ट स...अब कई दिनों से कुछ पढ़ न रहा था। आज आपकी यह पोस्ट सामने है और टिप्पणी करवा रही है।<br />कुछ ऐसा ही होता है। पोस्ट बुलवा लेती है!Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7821085069302239061.post-71963689139043951302009-10-16T19:22:37.095+05:302009-10-16T19:22:37.095+05:30बहुत ही सुंदर रचना लिखा है आपने ! आपको और आपके परि...बहुत ही सुंदर रचना लिखा है आपने ! आपको और आपके परिवार को दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें !Urmihttps://www.blogger.com/profile/11444733179920713322noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7821085069302239061.post-58132441143303900682009-10-16T18:30:55.980+05:302009-10-16T18:30:55.980+05:30अक्सर मैं
रोटियों के पीछे भागते-भागते
रोटियाँ खाना...अक्सर मैं<br />रोटियों के पीछे भागते-भागते<br />रोटियाँ खाना भी<br />भूल जाता हूँ<br />सभी को दिवाली की शुभ कामनाएं ........<br /><br /><br />SANJAY KUMAR <br />HARYANA<br />http://sanjaybhaskar.blogspot.comसंजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7821085069302239061.post-88520276209495486612009-10-16T16:44:14.734+05:302009-10-16T16:44:14.734+05:30सुन्दर रचना.
दीपावली की बहुत-बहुत शुभकामनायेंसुन्दर रचना.<br />दीपावली की बहुत-बहुत शुभकामनायेंवन्दना अवस्थी दुबेhttps://www.blogger.com/profile/13048830323802336861noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7821085069302239061.post-25563833858021303612009-10-16T12:20:37.898+05:302009-10-16T12:20:37.898+05:30हर सुबह बिस्तर खुद
सलवटों की चाहत में
करवट बदल लेत...हर सुबह बिस्तर खुद<br />सलवटों की चाहत में<br />करवट बदल लेता है.<br /><br />बहुत ही भावमय प्रस्तुति बधाई के साथ दीपावली की शुभकामनाएं ।सदाhttps://www.blogger.com/profile/10937633163616873911noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7821085069302239061.post-27128208373831423902009-10-16T12:07:46.114+05:302009-10-16T12:07:46.114+05:30behtareen hai apka andaz.behtareen hai apka andaz.राकेश जैनhttps://www.blogger.com/profile/05865088324047258223noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7821085069302239061.post-88892979895202812882009-10-16T08:12:11.635+05:302009-10-16T08:12:11.635+05:30हर सुबह बिस्तर खुद
सलवटों की चाहत में
करवट बदल लेत...हर सुबह बिस्तर खुद<br />सलवटों की चाहत में<br />करवट बदल लेता है---<br />बहुत खूब कल्पना है बधाई<br /><br />दीपों सा जगमग जिन्दगी रहे<br />सुख की बयार चहुं मुखी बहे<br />श्याम सखा श्यामgazalkbahanehttps://www.blogger.com/profile/13644251020362839761noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7821085069302239061.post-11132332711512891722009-10-15T21:17:21.106+05:302009-10-15T21:17:21.106+05:30मेरे बदले
हर सुबह बिस्तर खुद
सलवटों की चाहत में
कर...मेरे बदले<br />हर सुबह बिस्तर खुद<br />सलवटों की चाहत में<br />करवट बदल लेता है.<br />se lekar<br />अक्सर मैं<br />रोटियों के पीछे भागते-भागते<br />रोटियाँ खाना भी<br />भूल जाता हूँ<br />और इंतजार करता हूँ कि<br />शायद रोटियाँ तुम्हारे हाथों के सहारे<br />मेरे मुँह तक ----<br />tak sab kuch ati sundar.. bejod prastuti...Ambarishhttps://www.blogger.com/profile/10523604043159745100noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7821085069302239061.post-24403492494124490372009-10-15T15:49:15.263+05:302009-10-15T15:49:15.263+05:30बहुत ही सुंदर रचना, हर लाईन अपने आप मे एक हीरा है ...बहुत ही सुंदर रचना, हर लाईन अपने आप मे एक हीरा है जी. धन्यवाद<br />आप को ओर आप के परिवार को दिपावली की शुभकामनायेराज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7821085069302239061.post-39761289124818957082009-10-15T15:11:11.634+05:302009-10-15T15:11:11.634+05:30अक्सर मैं
रोटियों के पीछे भागते-भागते
रोटियाँ खाना...अक्सर मैं<br />रोटियों के पीछे भागते-भागते<br />रोटियाँ खाना भी<br />भूल जाता हूँ<br />और इंतजार करता हूँ कि<br />शायद रोटियाँ तुम्हारे हाथों के सहारे<br />मेरे मुँह तक ----<br /><br />in panktiyon ne dil chhoo liya........<br /><br />bahut gahre bhaav ke saaath ek achchi rachna.....डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali)https://www.blogger.com/profile/13152343302016007973noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7821085069302239061.post-84125248521646297742009-10-15T14:10:42.250+05:302009-10-15T14:10:42.250+05:30अक्सर मैं
रोटियों के पीछे भागते-भागते
रोटियाँ खाना...अक्सर मैं<br />रोटियों के पीछे भागते-भागते<br />रोटियाँ खाना भी<br />भूल जाता हूँ<br />और इंतजार करता हूँ कि<br />शायद रोटियाँ तुम्हारे हाथों के सहारे<br />मेरे मुँह तक ----<br />~~<br /><br />वर्मा जी!<br />आपका नवगीत बहुत सुन्दर है।<br />धनतेरस, दीपावली और भइया-दूज पर आपको ढेरों शुभकामनाएँ!डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7821085069302239061.post-47390919567414275262009-10-15T13:12:26.225+05:302009-10-15T13:12:26.225+05:30जिंदगी की करवटों को आपने बहुत सलीके से सहेज दिया ह...जिंदगी की करवटों को आपने बहुत सलीके से सहेज दिया है।<br />धनतेरस की हार्दिक शुभकामनाएँ।<br />----------<br /><a href="http://sb.samwaad.com/" rel="nofollow">डिस्कस लगाएं, सुरक्षित कमेंट पाएँ </a>Arshia Alihttps://www.blogger.com/profile/14818017885986099482noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7821085069302239061.post-4787531246279036442009-10-15T10:56:02.417+05:302009-10-15T10:56:02.417+05:30मेरे बदले
हर सुबह बिस्तर खुद
सल्वातो की चाहत में...मेरे बदले <br />हर सुबह बिस्तर खुद <br />सल्वातो की चाहत में <br />करवट बदल लेता है !<br /><br />गहन भावों को प्रतिबिंबित करती बढ़िया कविता.<br /><br />हार्दिक बधाई<br /><br />दीपावली के इस मंगलमय पवन पर्व पर आपको मेरी हार्दिक शुभकामनाएं.<br /><br />चन्द्र मोहन गुप्त<br />जयपुर<br />www.cmgupta.blogspot.comMumukshh Ki Rachanainhttps://www.blogger.com/profile/11100744427595711291noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7821085069302239061.post-3896002994143678372009-10-15T04:58:08.857+05:302009-10-15T04:58:08.857+05:30अक्सर मैं
रोटियों के पीछे भागते-भागते
रोटियाँ खाना...अक्सर मैं<br />रोटियों के पीछे भागते-भागते<br />रोटियाँ खाना भी<br />भूल जाता हूँ<br />और इंतजार करता हूँ कि<br />शायद रोटियाँ तुम्हारे हाथों के सहारे<br />मेरे मुँह तक ----<br />kitna bada sach...<br />ye to roj ka masla hai..<br />bahut khoob..<br />sahi aur sateek..स्वप्न मञ्जूषा https://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7821085069302239061.post-58035064819658568272009-10-14T17:29:54.856+05:302009-10-14T17:29:54.856+05:30बहुत ही खूबसूरत है तनहाइयों का ये चित्र...बेहद प्य...बहुत ही खूबसूरत है तनहाइयों का ये चित्र...बेहद प्याराPuja Upadhyayhttps://www.blogger.com/profile/15506987275954323855noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7821085069302239061.post-6542793280574753422009-10-14T17:04:58.601+05:302009-10-14T17:04:58.601+05:30अक्सर मैं
रोटियों के पीछे भागते-भागते
रोटियाँ खाना...अक्सर मैं<br />रोटियों के पीछे भागते-भागते<br />रोटियाँ खाना भी<br />भूल जाता हूँ .......<br /><br />KAMAAL KI BAAT HAI ... AKSAR INSAAN ROJMARRA KE JEEVAN MEIN ITNA PIS JAATA HAI KI JEEVAN KE SUNAHRE PALON KO BHOOLNE LAGTA HAI ... ROTI CHEE BHI TO AISI HAI JO SAB KUCH KARVA DETI HAI .... KAMAAL KI RACHNA HAI ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7821085069302239061.post-87255025570524150062009-10-14T16:07:18.177+05:302009-10-14T16:07:18.177+05:30बहुत दिनों तक जब
कोई कुंडी खड़काने नहीं आता
किवाड़ ब...बहुत दिनों तक जब<br />कोई कुंडी खड़काने नहीं आता<br />किवाड़ बन्द रहने से उकताकर<br />हवाओं के हाथों से<br />खुद ही<br />कुंडियाँ खड़का देती हैं<br /><br />बहुत सुन्दर लगी आपकी यह रचनारंजू भाटियाhttps://www.blogger.com/profile/07700299203001955054noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7821085069302239061.post-64440288162638067392009-10-14T14:22:20.966+05:302009-10-14T14:22:20.966+05:30वाह बहुत ही गहरी बात कह दी आपने..बहुत खूबवाह बहुत ही गहरी बात कह दी आपने..बहुत खूबshikha varshneyhttps://www.blogger.com/profile/07611846269234719146noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7821085069302239061.post-2147608554527413852009-10-14T12:32:03.545+05:302009-10-14T12:32:03.545+05:30sundar bhaav, achchhi lagisundar bhaav, achchhi lagiअजय कुमारhttps://www.blogger.com/profile/15547441026727356931noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7821085069302239061.post-69386082894732605092009-10-14T12:30:09.695+05:302009-10-14T12:30:09.695+05:30बड़े गहरे भाव हैं ,कविता के.....कमोबेश सबो की कहान...बड़े गहरे भाव हैं ,कविता के.....कमोबेश सबो की कहानी है...अक्सर मैं<br />रोटियों के पीछे भागते-भागते<br />रोटियाँ खाना भी<br />भूल जाता हूँ<br />एक नज़र इधर भी डालें..एक ज्वलंत विषय पे कुछ लिखा है...<br /><br />http://mankapakhi.blogspot.com/rashmi ravijahttps://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7821085069302239061.post-4469993993151614242009-10-14T12:27:57.746+05:302009-10-14T12:27:57.746+05:30बहुत गहरे भाव हैं। यथार्थ परक कविताओं को इतने सुंद...बहुत गहरे भाव हैं। यथार्थ परक कविताओं को इतने सुंदर ढंग से अभिव्यक्ति प्रदान करना मुश्किल होता है।<br />----------<br /><a href="http://sb.samwaad.com/" rel="nofollow">डिस्कस लगाएं, सुरक्षित कमेंट पाएँ </a>Science Bloggers Associationhttps://www.blogger.com/profile/11209193571602615574noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7821085069302239061.post-19795713609930651302009-10-14T10:52:31.281+05:302009-10-14T10:52:31.281+05:30हर सुबह बिस्तर खुद
सलवटों की चाहत में
करवट बदल लेत...हर सुबह बिस्तर खुद<br />सलवटों की चाहत में<br />करवट बदल लेता है.<br />अत्यंत भावपूर्ण रचना. <br />अक्सर मैं<br />रोटियों के पीछे भागते-भागते<br />रोटियाँ खाना भी<br />भूल जाता हूँ<br />और इंतजार करता हूँ कि<br />शायद रोटियाँ तुम्हारे हाथों के सहारे<br />मेरे मुँह तक बहुत ही भावमाय कविता है जीवन की कशमकश ऐसी ही होती है आभार्निर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7821085069302239061.post-59407799526234730642009-10-14T10:16:31.247+05:302009-10-14T10:16:31.247+05:30बहुत दिनों तक जब
कोई कुंडी खड़काने नहीं आता
किवाड़ ब...बहुत दिनों तक जब<br />कोई कुंडी खड़काने नहीं आता<br />किवाड़ बन्द रहने से उकताकर<br />हवाओं के हाथों से<br />खुद ही<br />कुंडियाँ खड़का देती हैं<br /><br /><br />वाह वर्मा जी, आधुनिक जीवन का रेखाचित्र और आज की बेवजह मसरूफियत से जूझता मनुष्य...अच्च्छे बिम्ब उतारे हैं आपने साधू!!Sudhir (सुधीर)https://www.blogger.com/profile/13164970698292132764noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-7821085069302239061.post-59054017191688190842009-10-14T08:00:50.824+05:302009-10-14T08:00:50.824+05:30अक्सर मैं रोटियों के पीछे भागते-भागते
रोटियां खाना...अक्सर मैं रोटियों के पीछे भागते-भागते<br />रोटियां खाना भी भूल जाता हूं...<br /><br />यही आज हम सबके जीवन का सबसे बड़ा सच बन गया है<br /><br />दीवाली आपके और पूरे परिवार के लिेए मंगलमय हो...<br />जय हिंद...Khushdeep Sehgalhttps://www.blogger.com/profile/14584664575155747243noreply@blogger.com