हाँ, हमें याद हैं
हमारे द्वारा किए गए
तमाम वायदे।
हमने पहले भी कहा था
और आज भी कह रहे हैं -
कभी न कभी
हम इन्हें पूरा करेंगे।
अभी तो हम व्यस्त हैं -
अपने ही अन्य महत्वपूर्ण कार्यों में।
फेहरिस्त लम्बी है -
अपने-अपनों के लिए विशेष आवंटन,
तमाम योजनाओं का उद्घाटन,
जो जमीन पर नहीं,
फाईलों में दम तोड़ देंगी।
अरे, राज्यों के चुनाव से पहले
हमें गढ़ने हैं -
धार्मिक उन्माद के नारे।
देखते नहीं अभी हम व्यस्त हैं -
मंदिरों के बुर्ज पर झंडोत्तोलन में,
कैमरों के सामने
संयुक्त रूप से पूजन में।
प्रदूषण-प्रदूषण मत चिल्लाओ
हम इस विषय पर
पंचतारा होटलों में महत्वपूर्ण
परिचर्चाओं की-
एक लम्बी श्रृंखला चला रहे हैं।
समाधान मिलते ही
हम काम भी करेंगे।
बहुत शीघ्र हम प्रदूषणग्रस्त इलाकों का -
हवाई सर्वेक्षण भी करेंगे।
कल ही तो हमने इस विषय पर
एक लम्बा व्याख्यान दिया था।
शायद तुमने
हमारी एडवाइजरी पढ़ने की
जहमत नहीं उठाई
इतना ही अगर है डर
तो ...
मत छोड़ो अपना घर।
‘‘डरो मत -
प्रदूषण बढ़ने पर
नया नारा जारी करना भी
हमारे एजेंडे में है।’’

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